रहस्यमयी बीमारीः बैठे-बैठे आती है नींद, 5-5 दिन तक सोते हैं कलाची गांव के लोग

कजाकिस्तान के कलाची गाँव में लोग अचानक सो जाते हैं और दिनों तक सोते रहते हैं। यह अजीब बीमारी वर्षों से वैज्ञानिकों के लिए एक पहेली बनी रही, लेकिन हाल ही में इसका कारण पता चला है।

Asianetnews Hindi Stories | Published : Aug 27, 2024 5:38 AM IST

कुछ रहस्य ऐसे होते हैं जो कभी उजागर नहीं हो पाते। कुछ ऐसे भी होते हैं जो उजागर तो हो जाते हैं लेकिन उनके पीछे का रहस्य और दुःख हमेशा बना रहता है। ऐसी ही एक रहस्यमय घटना है, कजाकिस्तान के एक गांव की कहानी। यहां के लोग अचानक कहीं भी बैठे-बैठे सो जाते हैं। कभी-कभी तो कुछ लोग पांच-पांच दिन तक सोते रहते हैं। यह घटना काफी समय तक वैज्ञानिकों और डॉक्टरों के लिए एक अनसुलझी पहेली बनी रही। 

यह दुनिया कई अजूबों और रहस्यों से भरी हुई है। विज्ञान भी कई रहस्यों को समझने में असमर्थ है। ऐसे ही एक रहस्यमय गाँव के बारे में आज हम जानेंगे। दरअसल ये दो गाँव हैं। यहाँ घर और लोगों की संख्या बहुत ज्यादा नहीं है। रमणीय प्राकृतिक सुंदरता के बीच बसे इन गांवों की आबादी लगभग दो सौ है। अजीब बात यह है कि इस गांव के लोग कहीं भी हों, चलते-फिरते, बैठे-बैठे, बात करते-करते अचानक सो जाते हैं। इतना ही नहीं इस गांव के लोग कई बार दिनों तक, हफ़्तों तक सोते रहते हैं!

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यह कजाकिस्तान का एक गाँव है। इसका नाम कलाची है। यह दुनिया भर में इस अजीब घटना के लिए जाना जाता है। इस गाँव में लोग अचानक सो जाते हैं। दिनों तक सोते रहते हैं। यह अस्पष्ट बीमारी वर्षों से वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को परेशान कर रही है। कलाची गाँव में रहने वाले कई लोग बिना किसी चेतावनी के घंटों या दिनों तक सो जाते हैं। यह नींद सामान्य नींद नहीं, बल्कि गहरी नींद होती है। उस दौरान वे पूरी तरह से बेहोश हो जाते हैं। एक और अजीब बात यह है कि जब वे उठते हैं तो उन्हें याद नहीं रहता कि वे कहाँ थे और कब सोए थे!

शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया कि यह कोई बीमारी है। लेकिन लंबे समय तक इस बीमारी का सही कारण पता नहीं चल सका। इसके बारे में कई सिद्धांत और अटकलें हैं। कुछ शोधकर्ताओं का मानना था कि गाँव में मौजूद कोई डार्क मैटर या गैस बीमारी का कारण हो सकता है। कुछ का मानना था कि कोई अज्ञात वायरस बीमारी का कारण हो सकता है।

लेकिन इस बीमारी ने ग्रामीणों के जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया। लोग अपना काम ठीक से नहीं कर पा रहे थे। उनका सामाजिक जीवन अस्त-व्यस्त हो रहा था। इससे उनकी आर्थिक स्थिति भी खराब हो रही थी। 

वैज्ञानिक लंबे समय से इस नींद की बीमारी का कारण समझ नहीं पा रहे थे। आखिरकार इस रहस्य से हाल ही में पर्दा उठा है। कजाकिस्तान के पूर्व उप प्रधान मंत्री बर्डीबेक सपरबेव ने बताया कि पास में ही मौजूद यूरेनियम खनन इसका कारण है। यहाँ के सभी निवासियों का मेडिकल परीक्षण कराके, उसके परिणामों का विश्लेषण करने के बाद, शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया कि हवा में कार्बन मोनोऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन का स्तर बढ़ने के कारण ऐसा हो रहा है।

अब यहाँ की यूरेनियम खदानों को बंद कर दिया गया है। यहाँ के लोगों को दूसरी जगह बसाया गया है। इस गाँव को फिलहाल खाली करा लिया गया है। यहाँ से बाहर जाने वाले लोग फिर से इस स्लीपी बीमारी से पीड़ित हुए हैं या ठीक हो गए हैं, यह पता नहीं चल सका है। 

आपको इससे यह सीख लेनी चाहिए कि अगर आपके आस-पास के वातावरण में कार्बन मोनोऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन का स्तर ज़्यादा है, तो आपको हमेशा नींद आती रहेगी। इस बारे में सावधान रहें।

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