वुहान की लैब में चमगादड़ों से मिले 3 तरह के वायरस, मगर इनमें से एक भी वो नहीं जिसने दुनियाभर में मचाई तबाही

दुनिया भर में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के बाद चीन पर आरोप लगाए गए किए कि यह वायरस वुहान के वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट में डेवलप किया गया। खास तौर पर अमेरिका यह आरोप लगाने में सबसे आगे रहा। 

Asianet News Hindi | Published : May 24, 2020 7:19 AM IST / Updated: May 24 2020, 02:32 PM IST

बीजिंग। दुनिया भर में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के बाद चीन पर आरोप लगाए गए किए कि यह वायरस वुहान के वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट में डेवलप किया गया। खास तौर पर अमेरिका यह आरोप लगाने में सबसे आगे रहा। इसे लेकर पहली बार चीन के स्टेट मीडिया के हवाले से कहा गया है कि वुहान के लैब में चमगादड़ों में तीन तरह के वायरस मिले, लेकिन इनमें से एक भी वह वायरस नहीं था, जिसने दुनिया भर में तबाही मचाई। यह बात वुहान के वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर ने एक इंटरव्यू में कही है। 

लैब के डायरेक्टर ने बताया इसे गलत 
कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि कोरोना वायरस पहली बार वुहान में चमगादड़ों में पैदा हुआ और फिर दूसरे जीवों के जरिए इंसानों में फैला। गौरतलब है कि कोरोना महामारी से अब तक दुनिया भर में 3 लाख 40 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के डायरेक्टर ने चीनी स्टेट मीडिया को बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और दूसरों का यह दावा पूरी तरह गलत है कि वायरस इस लैब से निकला। 

चमगादड़ों में मिले वायरस, लेकिन कोरोना के नहीं
शनिवार रात को प्रसारित इंटरव्यू में इंस्टीट्यूट की डायरेक्टर वांग यनई ने कहा कि लैब मे चमगादड़ों से अलग-अलग कुछ वायरस  मिले हैं। यह इंटरव्यू 13 मई को ही लिया गया था। वांग यनई ने कहा कि हमें तीन तरह के वायरस मिले हैं, लेकिन SARS-CoV-2 से उनकी समानता सिर्फ 79.8 फीसदी तक है।

पहले से चल रहा है रिसर्च
प्रोफेसर शि झेंगली की अगुआई में शोधकर्ताओं की एक टीम 2004 से चमगादड़ों में वायरस पाए जाने को लेकर रिसर्च कर रही है। यह अध्ययन करीब दो दशक पहले एक दूसरे वायरस का प्रकोप फैलने के पीछे सार्स के स्रोत की तलाश पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि SARS-CoV-2 का पूरा जीनोम SARS के समान ही है और यह समानता करीब 80 प्रतिशत तक है। 

साजिश की अफवाहें
लैब के डायरेक्टर ने कहा कि साजिश की अफवाहें काफी फैलीं। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प और अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने यह आरोप लगाया। लैब ने कहा है कि 30 दिसंबर को अज्ञात वायरस के नमूने प्राप्त किए गए।  2 जनवरी को वायरस के जीनोम अनुक्रम का निर्धारण किया गया और 11 जनवरी को डब्ल्यूएचओ को इसके बारे में जानकारी सौंपी गई। लैब के डायरेक्टर ने कहा कि हर किसी की तरह हमें भी यह नहीं पता था कि इस तरह का कोई वायरस मौजूद है। इस बात का कोई सवाल ही नहीं पैदा होता कि यह लैब से लीक हो सकता था।

क्या कहा डब्ल्यूएचओ ने
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि वॉशिंगटन ने साजिश को लेकर किए दावों के लिए कोई सबूत नहीं दिया है। साइंटिफिक अमेरिकन के साथ एक साक्षात्कार में शि झेंगली ने कहा कि SARS-CoV-2 जीनोम किसी भी चमगादड़ में मिले वायरस से मेल नहीं खाता है, जो उनकी लैब ने पहले इकट्ठा किया था और जिनकी स्टडी की थी। 
 

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