मिशन गगनयान: रूस में दोबारा शुरू हुई भारतीय पायलटों की ट्रेनिंग, कोरोना के चलते लगी थी रोक

भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान के लिए चयनित 4 एस्ट्रोनॉट ने रूस में अपनी ट्रेनिंग दोबारा शुरू कर दी है। कोरोना वायरस के चलते इनकी ट्रेनिंग रोकी गई थी।

बेंगलुरु. भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान के लिए चयनित 4 एस्ट्रोनॉट ने रूस में अपनी ट्रेनिंग दोबारा शुरू कर दी है। कोरोना वायरस के चलते इनकी ट्रेनिंग रोकी गई थी। 

रूस स्पेस कॉर्पोरेशन ने अपने बयान में कहा, गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर (जीसीटीसी) ने 12 मई को भारतीय एस्ट्रोनॉट की ट्रेनिंग फिर से शुरू कर दी है। यह इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) और ग्लेव कॉसमॉस के सांझा कार्यक्रम का हिस्सा है। 

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सेंटर में सोशल डिस्टेंसिंग का किया जा रहा पालन
जीसीटीसी ने बयान में आगे कहा, भारत के सभी एस्ट्रोनॉट स्वस्थ हैं। इसके अलावा सेंटर में सैनिटरी और स्वच्छता के अन्य उपायों के साथ ट्रेनिंग शुरू की गई है। इसके अलावा यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है। इसके अलावा एस्ट्रोनॉट को मास्क और ग्लव्स पहनने के लिए कहा जा रहा है। इतना ही नहीं रूसी स्पेस एजेंसी ने एस्ट्रोनॉट की फोटो भी शेयर की। 

2022 में लॉन्च होगा गगनयान
भारत के 4 फाइटर प्लेन के पायलटों को रूस में ट्रेनिंग दी जी रही है। इन्हें गगनयान प्रोजेक्ट के लिए चुना गया है। 10 हजार करोड़ के इस महत्त्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को 2022 में लॉन्च किया जाना है। यह भारत की स्वतंत्रता की 75वीं साल होगी। भारत ने पायलटों की ट्रेनिंग के लिए रूसी स्पेस एजेंसी से 27 जून 2019 को कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था। इसके तहत पायलटों की 10 फरवरी को रूस में ट्रेनिंग शुरू हुई थी।

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