
Trump tariff on movies: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को अमेरिका के बाहर बनी सभी फिल्मों पर 100% टैरिफ लगाने का ऐलान किया। उन्होंने दावा किया कि अमेरिका की फिल्म इंडस्ट्री को विदेशी कंपनियों ने "चुरा" लिया है। ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में ट्रंप ने लिखा, "हमारा फिल्म बनाने का बिजनेस दूसरे देशों ने चुरा लिया है, ठीक वैसे ही जैसे 'किसी बच्चे से कैंडी छीनना'। कैलिफोर्निया, अपने कमजोर और अयोग्य गवर्नर के साथ, इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है!"
ट्रंप ने लिखा, "इसलिए, इस लंबे समय से चली आ रही और कभी न खत्म होने वाली समस्या को हल करने के लिए मैं अमेरिका के बाहर बनी किसी भी और सभी फिल्मों पर 100% टैरिफ लगाऊंगा। इस मामले पर ध्यान देने के लिए आपका धन्यवाद। मेक अमेरिका ग्रेट अगेन! राष्ट्रपति डीजेटी।"
यह घोषणा ट्रंप के 26 सितंबर के उस ऐलान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनका प्रशासन 1 अक्टूबर, 2025 से ब्रांडेड और पेटेंट वाली दवाइयों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाएगा, जब तक कि बनाने वाली कंपनियां अमेरिका में अपनी प्रोडक्शन यूनिट्स नहीं लगा लेतीं।
भारत का फार्मा सेक्टर दुनिया भर में अलग-अलग वैक्सीन की 50 प्रतिशत से ज्यादा मांग पूरी करता है। अमेरिका में जेनेरिक दवाओं की 40 प्रतिशत और ब्रिटेन में सभी दवाओं की 25 प्रतिशत मांग पूरी करता है। वित्त वर्ष 25 में भारत का सालाना दवा और फार्मा एक्सपोर्ट 30 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, जिसे मार्च में साल-दर-साल 31 प्रतिशत की बढ़ोतरी से ताकत मिली। एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, अकेले अगस्त 2025 में दवा और फार्मा एक्सपोर्ट अगस्त 2024 के 2.35 अरब डॉलर से 6.94 प्रतिशत बढ़कर 2.51 अरब डॉलर हो गया।
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फार्मास्युटिकल्स एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया (Pharmexcil) के अनुसार, वित्त वर्ष 24 में भारत का फार्मा एक्सपोर्ट कुल 27.9 अरब डॉलर था, जिसमें से 31 प्रतिशत, यानी लगभग 8.7 अरब डॉलर (77,231 करोड़ रुपये) अमेरिका को भेजा गया था। अकेले 2025 की पहली छमाही में, 3.7 अरब डॉलर (लगभग 32,505 करोड़ रुपये) की दवाइयाँ विदेश भेजी गईं। डॉ. रेड्डीज, अरबिंदो फार्मा, जायडस लाइफसाइंसेज, सन फार्मा और ग्लैंड फार्मा जैसी बड़ी कंपनियाँ अपनी कुल कमाई का 30-50 प्रतिशत हिस्सा अमेरिकी बाजार से पाती हैं।
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एक अलग सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की फार्मा इंडस्ट्री एक ग्लोबल पावरहाउस है, जो वॉल्यूम के हिसाब से दुनिया में तीसरे और प्रोडक्शन वैल्यू के मामले में 14वें स्थान पर है। यह दुनिया की 50 प्रतिशत से ज्यादा वैक्सीन की मांग और अमेरिका को लगभग 40 प्रतिशत जेनेरिक दवाएं सप्लाई करती है। इस इंडस्ट्री के 2030 तक 130 अरब डॉलर और 2047 तक 450 अरब डॉलर के बाजार तक बढ़ने का अनुमान है।
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