भारत ने जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर दुनिया के सामने अपना रुख साफ कर दिया, और इस मद्दे को द्विपक्षीय मुद्दा बताया है। बावजूद इसके अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर भारत के सामने कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश की है।
वॉशिंगटन. भारत ने जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर दुनिया के सामने अपना रुख साफ कर दिया, और इस मद्दे को द्विपक्षीय मुद्दा बताया है। बावजूद इसके अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर भारत के सामने कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश की है।
फ्रांस में पीएम मोदी ने कश्मीर को बताया था द्विपक्षीय मुद्दा
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प कश्मीर मुद्दे पर तीन बार मध्यस्थता की पेशकश कर चुके ट्रम्प ने सोमवार को एक बार फिर दोनों देशों की मदद करने का प्रस्ताव दोहराया है। साथ ही उन्होंने कहा कि दो हफ्तों में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव पहले से कम हुआ है। बता दें कि फ्रांस में 26 अगस्त को जी-7 समिट में पीएम मोदी और ट्रम्प के बीच बैठक हुई थी, जिसमें दोनों ने कश्मीर मसले पर भी चर्चा की थी। इस दौरान प्रदानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रम्प के सामने संवाददाताओं से कहा था कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मसला है और हम दुनिया के किसी भी देश को इस पर कष्ट नहीं देना चाहते। जिसके दो हफ्ते बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का यह बयान आया है।
आर्टिकल 370 हटाए जाने के 35 दिन में 2 बार रख चुके प्रस्ताव
पाक पीएम इमरान खान की जुलाई में हुई अमेरिका यात्रा के दौरान 22 तारिख को ट्रम्प ने मध्यस्थता की पेशकश की थी। उसके बाद यह प्रस्ताव उन्होंने 2 अगस्त और 23 अगस्त फिर रखा। इससे पहले खबर आई थी कि ट्रम्प ने कहा था कि मोदी दो हफ्ते पहले उनके साथ थे और उन्होंने कश्मीर मसले पर मध्यस्थता की पेशकश की थी। हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में ट्रम्प के दावों को गलत बताया था। भारत सरकार ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी और ट्रम्प के बीच ऐसी कोई बात नहीं हुई।