
Trump Tariff Impact: डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) द्वारा विदेशी वस्तुओं पर भारी-भरकम आयात शुल्क (Import Tariffs) लगाने की घोषणा के बाद अमेरिका में अफरा-तफरी मच गई है। टैरिफ की वजह से दुनिया के देशों की अर्थव्यवस्था तो गड़बड़ होने ही वाली है, अमेरिकियों पर भी महंगाई की जबरदस्त मार पड़ने वाली है। आलम यह कि लोगों ने आने वाली महंगाई से बचने के लिए जरूरी सामान की खरीदारी शुरू कर दी है। इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से लेकर कार, कपड़े, जूते और यहां तक कि कॉफी और बेबी प्रोडक्ट्स तक – सबकुछ खरीद कर जमा किए जा रहे हैं। ब्लैक मार्केटिंग में भी तेजी आई है।
1. लैपटॉप और स्मार्टफोन: ट्रंप सरकार ने ताइवान से आयात पर 32% और चीन से 52% टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इसका सीधा असर इलेक्ट्रॉनिक्स पर पड़ा है क्योंकि अधिकतर स्मार्टफोन, लैपटॉप और टैबलेट्स के पुर्जे चीन से आते हैं। अब इन सामानों को खरीदने के लिए इलेक्ट्रानिक्स गैजेट्स के दूकानों पर भीड़ लगी है।
2. कपड़े और जूते (Apparel & Footwear): Gap और H&M जैसी ब्रांड्स का बड़ा हिस्सा भारत, वियतनाम, बांग्लादेश और इंडोनेशिया से आयात होता है। इसलिए अमेरिकियों ने जीन्स, स्पोर्ट्सवियर, वर्कवियर और फुटवियर की खरीदारी में तेजी लाई है।
3. ऑटोमोबाइल्स: बाहर से इम्पोर्ट होने वाली कारें, खासकर Electric Vehicles (EVs), पर कीमत बढ़ने की आशंका के चलते लोग शोरूम में उमड़ पड़े हैं। डीलर्स के पास बुकिंग की लाइनें लग गई हैं क्योंकि हर कोई डील लॉक करना चाहता है।
4. विदेशी फूड्स: कंपनियों और घरेलू उपभोक्ताओं ने Coffee, Condiments और अन्य Foreign Snacks का स्टॉक करना शुरू कर दिया है क्योंकि इनकी कीमतों में भी उछाल तय माना जा रहा है।
5. फिटनेस और वेलनेस इक्विपमेंट: ट्रेडमिल, मसाज चेयर, स्टेशनरी साइकिल जैसी वेलनेस मशीनें भी अब तेजी से बिक रही हैं। इनकी बड़ी हिस्सेदारी विदेशी उत्पादन में होती है जिससे इन पर भी टैरिफ लागू होगा।
6. होम अप्लायंसेस: रेफ्रिजरेटर, माइक्रोवेव, वॉशिंग मशीन, डिशवॉशर जैसे इलेक्ट्रॉनिक होम प्रोडक्ट्स भी जमकर खरीदे जा रहे हैं क्योंकि इनके पुर्जे चीन और ताइवान से आते हैं। कीमतें जल्द ही बढ़ सकती हैं।
7. बच्चों के सामान: डायपर्स, बेबी क्लोथ्स, स्टोलर्स और टॉयज जैसे बच्चों के प्रोडक्ट्स भी हाई डिमांड में हैं। अभिभावक इन्हें स्टॉक कर रहे हैं ताकि टैरिफ लागू होने के बाद अतिरिक्त खर्च से बचा जा सके।
डोनाल्ड ट्रंप ने इस सप्ताह एक बड़ी घोषणा में लगभग सभी देशों जिनमें US Allies जैसे UK और EU भी शामिल हैं, पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की बात कही। इसे उन्होंने अमेरिकी इंडस्ट्री का लिबरेशन डे बताया। शनिवार से 10% बेसलाइन टैरिफ लागू हो चुका है। 9 अप्रैल से 60 अन्य देशों पर हाई रेट्स वाले टैरिफ प्रभावी होंगे। यह टैरिफ दरें उस देश पर आधारित होंगी कि वह अमेरिका से आयात पर कितना टैक्स लगाता है।
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