इस देश ने हटाया 'कोरोना' शब्द, इस पर चर्चा करने पर हो रही जेल, मास्क पहनने पर दी जा रही सजा

दुनिया के 200 से ज्यादा देश कोरोना की चपेट में हैं। 95000 लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिका, चीन ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस जैसे दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश कोरोना के सामने हार मान चुके हैं। ऐसे में कुछ देश ऐसे भी हैं, जहां कोरोना का एक भी मामला सामने नहीं आया है। इनमें से एक तुर्कमेनिस्तान भी है।

Asianet News Hindi | Published : Apr 10, 2020 10:20 AM IST / Updated: Apr 12 2020, 11:39 AM IST

अश्गाबात. दुनिया के 200 से ज्यादा देश कोरोना की चपेट में हैं। 95000 लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिका, चीन ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस जैसे दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश कोरोना के सामने हार मान चुके हैं। ऐसे में कुछ देश ऐसे भी हैं, जहां कोरोना का एक भी मामला सामने नहीं आया है। इनमें से एक तुर्कमेनिस्तान भी है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि तुर्कमेनिस्तान कोरोना वायरस को लेकर आंकड़े छिपा रही है। दरअसल, इससे सटे देश ईरान में भी कोरोना से हाहाकार मचा है। ईरान में संक्रमण के 68 हजार से ज्यादा केस सामने आए हैं। वहीं, 4200 लोगोंं की मौत हुई है। लेकिन आधिकारिक तौर पर तुर्कमेनिस्तान में कोरोना का कोई मामला सामने नहीं आया। 

तुर्कमेनिस्तान का मानना है कि कोरोना जैसी कोई बीमारी है ही नहीं। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो यहां कोरोना शब्द को बैन कर दिया गया है।  तुर्कमेनिस्तान में कोरोना बोलने और लिखने पर बैन है। यहां तक की मास्क पहनने पर भी कार्रवाई की जा रही है। 

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देश में कोई कोरोना पर चर्चा नहीं कर सकता
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोरोना पर बैन और मास्क पहनने पर कार्रवाई का आदेश राष्ट्रपति गुरबांगुली बेयरडेमुकामेडॉव ने लगाया है। साथ ही पूरे देश में सरकार के स्पेशल एजेंट घूम रहे हैं, अगर कोई कोरोना पर चर्चा करता पाया जाता है तो उसे जेल में डाल दिया जाता है। 
  
वर्ल्ड हेल्थ डे पर निकाली गई साइकिल रैली
जहां दुनिया के कई देशों में लॉकडाउन है, तो वहीं तुर्कमेनिस्‍तान में हालात सामान्य हैं। यहां लोग सामान्य जीवन जी रहे हैं। पब्लिक गैदरिंग पर भी रोक नहीं है। इतना ही नहीं, यहां मंगलवार को वर्ल्ड हेल्थ डे साइकिल रैली भी निकाली गई। इसमें बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए। 

पहले भी छिपाए आंकड़े
यह पहला मौका नहीं है, जब तुर्कमेनिस्तान सरकार ने आंकड़े छिपाए हों। इससे पहले एड्स और प्लेग समेत कई बीमारियों के वक्त भी आंकड़े छिपाए गए। प्रेस की स्वतंत्रता के मामले में भी तुर्कमेनिस्तान आखिरी स्थान यानी 180वें नंबर पर हैं।

इतना ही नहीं, यहां बीमारी से बचाव के लिए अजीबोगरीब आदेश भी दिए गए हैं। यहां लोगों से हरमाला नाम का पौधा लगाने के लिए कहा गया है। सरकार का मानना है कि इससे बीमारियों के प्रसार को रोका जा सकता है। इसके अलावा यहां अस्पतालों में लगे कोरोना के पर्चों को भी हटा लिया गया है।
 

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