ALERT: इंग्लैंड में टिक टॉक ट्रेंड ने ली 11 साल के मासूम की जान, जानें क्या क्या हुआ था ऐसा

इंग्लैंड में 11 साल के बच्चे की मौत टिक टॉक पर जारी एक ट्रेंड को परफॉर्म करते हुए हो गई। ब्रिटेन का रहने वाला 11 वर्षीय टॉमी-ली ग्रेसी बिलिंगटन की मौत क्रोमिंग नामक खतरनाक टिक टॉक ट्रेंड को फॉलो करने के चक्कर चली गई।

sourav kumar | Published : Mar 7, 2024 4:18 AM IST / Updated: Mar 07 2024, 09:55 AM IST

टिक टॉक ट्रेंड। इंग्लैंड में 11 साल के बच्चे की मौत टिक टॉक पर जारी एक ट्रेंड को परफॉर्म करते हुए हो गई। ब्रिटेन का रहने वाला 11 वर्षीय टॉमी-ली ग्रेसी बिलिंगटन की मौत क्रोमिंग नामक खतरनाक टिक टॉक ट्रेंड को फॉलो करने के चक्कर चली गई। क्रोमिंग को हफ़िंग या स्निफिंग के रूप में भी जाना जाता है। ये एक तरीका है, जिसमें जब कोई भी आदमी पेंट, विलायक, एयरोसोल के डिब्बे, सफाई उत्पाद या पेट्रोल जैसे जहरीले रसायनों को सूंघने का काम करता है। इसकी वजह से व्यक्ति के न्युरोन में गड़बड़ी आ जाती है और इसका सीधा असर उसके दिमाग पर पड़ता है। इस तरह से हार्ट अटैक से मौत भी हो जाती है।

बच्चे की असमय मृत्यु के बाद पीड़ित की दादी ने टीना बर्न्स ने सोशल मीडिया पर लोगों से अपील की है कि वो अपने बच्चों को जानलेवा ट्रेंड को फॉलो करने से रोके। टीना बर्न्स ने बताया कि पोते की मौत के बाद ट्रेंड के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए बोलते हुए कहा कि क्रोमिंग ने मेरे बच्चे की जान ले ली है। महिला ने बताया कि एक दोस्त के घर पर सोने के तुरंत बाद मेरे पोते की मौत हो गई।

पीड़ित के परिवार ने टिकटॉक को हटाने की कि मांग

टॉमी-ली को लैंकेस्टर, लंकाशायर में ग्रीनसेट क्लोज़ पर एक दोस्त के घर पर बेहोश पाया गया था। इसके तुरंत बाद उसे  अस्पताल ले जाया गया, जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों ने कहा कि बच्चे की मौत हार्ट अटैक की वजह से हुई है। मौत के बाद ये मामला पुलिस के पास चला गया। हालांकि, पुलिस अब तक मौत के पीछे की मुख्य वजह जान पाने में असफल रही है।

 वहीं पोते की मौत से दादी टीना बर्न्स को काफी आघात पहुंचा है. उन्होंने कहा कि वो एक होनहार बच्चा था। उसका दिल अपने पिता की तरह सोने सा था। उसकी मौत ने पूरी परिवार की जीवन को तबाह कर दिया है। बच्चे की मौत के बाद परिवार के लोगों ने कहा कि हम नहीं चाहते कि कोई अन्य बच्चा टिक टॉक के खतरनाक ट्रेंड को फॉलो करे। हम चाहते हैं कि टिकटॉक को हटा दिया जाए और 16 साल से कम उम्र के बच्चों को किसी भी सोशल मीडिया पर अनुमति न दी जाए।

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