ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक ने आखिर क्यों मांगी माफी, जानें क्या है मामला

Published : Jul 20, 2023, 02:40 AM ISTUpdated : Jul 20, 2023, 08:49 AM IST
rishi sunak

सार

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने सेना में एलजीबीटी समुदाय के उन लोगों से किए गए व्यवहार के लिए माफी मांगी है जिन्हें समलैंगिक होने पर सेना ने बर्खास्त कर दिया था।  

वर्ल्ड न्यूज। यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने एलजीबीटी समुदाय के उन लोगों से माफी मांगी है जिन्हें समलैंगिक होने के कारण सेना से निकाल दिया गया था। ऋषि सुनक ने कहा कि वर्ष 2000 तक समलैंगिक होना ब्रिटिश सेना के नियमों के तहत गैरकानूनी था। हजारों पूर्व सैनिकों इस नियम के कारण काफी परेशानी झेलनी पड़ी थी। 

पीएम सुनक ने ब्रिटिश सरकार की ओर से मांगी माफी
प्रधानमंत्री सुनक सांसदों के साथ बुधवार को मीटिंग कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश की सेवा करते हुए कई सैनिकों को यौन शोषण, मानसिक शोषण और समलैंगिकतापूर्ण शरारत को झेलना पड़ा है। इससे समलैंगिक समुदाय के कुछ लोगों और उनके परिवार के जीवन पर गंभीर प्रभाव पड़ा। पीएम ने कहा कि आज मैं ब्रिटिश सरकार की ओर से माफी मांगता हूं और मुझे उम्मीद है कि प्रभावित सभी लोग खुद को उस समुदाय का हिस्सा महसूस कर सकेंगे जिन्होंने सीमा पर रहकर देश की सुरक्षा में अहम योगदान दिया है।

ये भी पढ़ें. यूके सरकार का बड़ा फैसला, भारतीय छात्रों को झटका: ऋषि सुनक सरकार का ऐलान-पढ़ाई के लिए आने वाले छात्रों के परिजन को नहीं मिलेगा वीजा

पुरस्कृत किए जाने की भी सिफारिश
समलैंगिक होने के कारण ब्रिटिश आर्मी से बर्खास्त किए जाने वाले जवानों से माफी मांगने और उन्हें पुरस्कृत किए जाने के लिए भी सिफारिश की गई थी। ब्रिटिश सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया और काफी विचार के बाद यह स्वीकार किया कि वर्ष 2000 से पहले एलजीबीटी के सशस्त्र बल के जवानों के किया गया बर्ताव पूरी तरह से गलत था। ब्रिटिश सरकार की ओर से पीएम सुनक ने समलैंगिक जवानों के साथ किए गए व्यवहार को अफसोसजनक बताया था।

ये भी पढ़ें. PM मोदी और ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक के बीच बातचीत: भारतीय डिप्लोमैट्स की सुरक्षा का दिलाया भरोसा, भारत-यूके 2030 रोडमैप पर चर्चा

रेडियो ऑपरेटर को किया था बर्खास्त
ब्रिटेन के पहले खुले तौर पर समलैंगिक न्यायाधीश लॉर्ड एथरटन के नेतृत्व में एलजीबीटी वेटरन्स इंडिपेंडेंट रिव्यू पिछले साल शुरू हुआ और 1967 से 2000 के बीच करीब 1145 लोगों के अनुभवों के बारे में सुना गया। इसमें होमोफोबिया, धमकाने, ब्लैकमेल करने, अपमानजनक चिकित्सा परीक्षाओं और कनवर्जन चिकित्सा के चौंकाने वाले केस सुने गए। इन्हीं मामलों में से एक एम्मा रिले तीन साल तक रॉयल नेवी रेडियो ऑपरेटर थे। 1990 के दशक में अपने सहकर्मी को अपनी यौन इच्छा के बारे में बताने पर उन्हें समलैंगिक होने के आरोप में गिरफ्तार करने के साथ ही सेना से भी बर्खास्त कर दिया गया।  

PREV

अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

असंभव लेकिन सत्य! बिना औरत देखे 82 साल तक रहा जिंदा, पढ़ें इस शख्स की कहानी
Modi in Ethiopia: मोदी का भव्य स्वागत, खुद कार ड्राइव कर होटल ले गए PM अली-6 PHOTOS