
लंदन(London). आतंकवाद को रोकने के लिए स्थापित यूके सरकार की स्कीम के रिव्यू ने देश के लिए प्राथमिक खतरे(primary threat) के रूप में इस्लामी उग्रवाद(Islamist extremism) से निपटने के लिए सुधार की सिफारिशें की हैं। रिव्यू में बढ़ती चिंता के अन्य क्षेत्रों को भी चिह्नित किया है, जिसमें कश्मीर पर ब्रिटेन के मुसलमानों का कट्टरपंथीकरण और संभावित रूप से जहरीला खालिस्तान समर्थक उग्रवाद है। पढ़िए पूरी डिटेल्स...
इसी हफ्ते पब्लिश ब्रिटिश सरकार के आतंकवाद-विरोधी प्रारंभिक हस्तक्षेप रोकथाम रणनीति(counter-terrorism early intervention Prevent strategy) के रिव्यू में चेतावनी दी गई कि पाकिस्तान की बयानबाजी ब्रिटेन के मुस्लिम समुदायों को प्रभावित कर रही है, जब विशेष रूप से कश्मीर के बारे में भारत विरोधी भावना को भड़काने की बात आती है। यह रिव्यू यूके में सक्रिय खालिस्तान समर्थक समूहों की एक छोटी संख्या द्वारा प्रसारित किए जा रहे झूठी बातों (false narrative) के खिलाफ भी चेतावनी देता है।
रिव्यू में कहा गया कि ईशनिंदा(blasphemy) के इर्द-गिर्द सीमाएं थोपने की कोशिश करने वालों और कश्मीर पर आग लगाने वाली बयानबाजी करने वालों के बीच क्रॉसओवर का एक तत्व है।
रिव्यू कहता है-"मैंने यूके के चरमपंथी समूहों के साक्ष्य देखे हैं। साथ ही एक यूके फॉलोइंग के साथ एक पाकिस्तानी मौलवी कश्मीर में हिंसा का आह्वान कर रहा है। मैंने यह प्रदर्शित करने वाले सबूत भी देखे हैं कि कश्मीर से संबंधित फ्लैशप्वाइंट ब्रिटेन के इस्लामवादियों में अतिरिक्त रूप से एक महत्वपूर्ण वृद्धि का कारण बनते हैं।"
खालिस्तान समर्थक उग्रवाद के मुद्दे पर रिपोर्ट में कहा गया है, "यूके के सिख समुदायों से खालिस्तान समर्थक चरमपंथ के प्रति भी सावधान रहना चाहिए। ब्रिटेन में सक्रिय खालिस्तान समर्थक समूहों की एक छोटी संख्या द्वारा एक झूठी कथा(false narrative) का प्रसार किया जाता है कि सरकार सिखों को सताने के लिए भारत में अपने समकक्ष के साथ मिलीभगत कर रही है।"
रिपोर्ट में कहा गया-"ऐसे समूहों के नैरेटिव्स भारत में खालिस्तान समर्थक आंदोलन द्वारा की गई हिंसा का महिमामंडन करते हैं।"
रिपोर्ट में यह नोट किया गया कि वर्तमान में आतंकवाद विरोधी पुलिस नेटवर्क की 80 प्रतिशत लाइव इन्वेस्टिगेशन इस्लामिक चरपंथ पर फोकस हैं, जबकि 10 प्रतिशत जांचें दक्षिणपंथी कट्टरता के खिलाफ हैं।
यूके की गृह सचिव सुएला ब्रेवरमैन ने बुधवार(8 फरवरी) को हाउस ऑफ कॉमन्स को बताया कि वह प्रिवेंट इस्ट्रेटजी में रिव्यू से सभी सिफारिशों को तेजी से लागू करने का इरादा रखती हैं। एक यूके वाइड सिस्टम आतंकवादी खतरों के खिलाफ एक अर्ली वार्निंग सिस्टम के रूप में स्थापित है।
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