Ukraine War: रूस के खिलाफ जंग के लिए UK यूक्रेन को देगा स्टॉर्म शैडो मिसाइल, जानें क्यों है यह खतरनाक

यूके ने यूक्रेन को स्ट्रॉम शैडो मिसाइल (Storm Shadow missiles) देने का फैसला किया है। हवा से जमीन पर मार करने वाले इस मिसाइल का रेंज 250 किलोमीटर है। यह रडार की पकड़ में आने से बच निकलता है।

Vivek Kumar | Published : May 12, 2023 2:07 AM IST / Updated: May 12 2023, 07:41 AM IST

लंदन। रूस के हमलों का सामना कर रहे यूक्रेन (Russia Ukraine war) को यूके ने स्टॉर्म शैडो मिसाइल (Storm Shadow missiles) देने का फैसला किया है। यह हवा से जमीन पर मार करने वाली लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल है।

स्टॉर्म शैडो मिसाइल की गिनती दुनिया के सबसे अच्छे हवा से जमीन पर मार करने वाले मिसाइलों में होती है। रडार की पकड़ में आए बिना हमला करने की क्षमता इसे खतरनाक बनाती है। मिसाइल का रेंज 250 किलोमीटर से अधिक है। इस मिसाइल से लैस होने के बाद यूक्रेन की वायु सेना के पास रूस के एयर डिफेंस सिस्टम से दूर रहकर हवाई हमले करने की क्षमता होगी। यूक्रेन को अमेरिका Himars मिसाइल दे रहा है। इसका रेंज करीब 80 किलोमीटर है।

यूक्रेन को अपनी रक्षा करने की क्षमता देगा स्ट्रॉम शैडो मिसाइल

ब्रिटेन के रक्षा सचिव बेन वालेस ने कहा कि स्ट्रॉम शैडो मिसाइल यूक्रेन को अपनी रक्षा करने का बेहतर अवसर देगा। यूक्रेन और अधिक हथियार देने की मांग कर रहा है। इसके चलते उसे स्ट्रॉर्म शैडो मिसाइल देने का फैसला किया गया है। यह मिसाइल यूक्रेन को अपनी जमीन से रूसी सेना को पीछे धकेलने की क्षमता देगा।

रडार के पकड़ में आने से बचने के लिए कम ऊंचाई पर उड़ता है स्ट्रॉर्म शैडो

स्ट्रॉम शैडो मिसाइल को विमान से दागा जाता है। यह लॉन्ग रेंज का मिसाइल है। इसका मतलब है कि यूक्रेन के पायलट जंग के मोर्चे से दूर रहकर भी हमला कर पाएंगे। लॉन्च किए जाने के बाद मिसाइल पहले कम ऊंचाई तक आता है ताकि रडार की पकड़ में आने से बच सके। इसके बाद यह अपने टारगेट की ओर बढ़ता है। यह अपने इन्फ्रारेड सीकर की मदद से टारगेट पर अचूक वार करता है। 1300 किलोग्राम वजनी इस मिसाइल की लंबाई 5.10 मीटर है।

हाई वैल्यू टारगेट के खिलाफ होता है स्ट्रॉम शैडो मिसाइल का इस्तेमाल

स्ट्रॉम शैडो मिसाइल को MBDA कंपनी बनाती है। MBDA के अनुसार इस मिसाइल को पहले से प्लान कर हमला करने के लिए बनाया गया है। इसकी मदद से हाई वैल्यू टारगेट को नष्ट किया जाता है। इस मिसाइल का इस्तेमाल ब्रिटेन और फ्रांस की वायुसेना ने गल्फ, इराक और लीबिया में किया है। गौरतलब है कि यूक्रेन को हथियार देने के मामले में यूके दूसरे स्थान पर है। यूके ने एंटी टैंक मिसाइलें, तोपें, एयर डिफेंस सिस्टम, बख्तरबंद गाड़ियां और M270 मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम दिया है।

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