अफगानिस्तान में एक्स MP मुर्सल नबीजाद की हत्या बनी पहेली, UN शॉक्ड, हत्यारों का पता तक नहीं कर पाया तालिबान

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अफगानिस्तान की पूर्व सांसद मुर्सल नबीजादा की हत्या की जांच की मांग की है, जिनकी रविवार को काबुल में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। तालिबान अब तक यह भी पता नहीं कर पाया है कि हत्यारे कौन थे, उनका मकसद क्या था?

न्यूयॉर्क (New York). संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस(United Nations Secretary-General Antonio Guterres) ने अफगानिस्तान की पूर्व सांसद मुर्सल नबीजादा की हत्या की जांच की मांग की है, जिनकी रविवार को काबुल में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। खामा प्रेस ने बताया कि रविवार को काबुल में पूर्व अफगान सांसद मुर्सल नबीजादा और उनके एक सुरक्षा गार्ड की हत्या कर दी गई थी। काबुल सुरक्षा विभाग के प्रवक्ता खालिद जादरान ने कहा कि काबुल के 12वें जिले में लगमन प्रांत के पूर्व प्रतिनिधि नबीजादा की अज्ञात बंदूकधारियों ने हत्या कर दी। पढ़िए पूरी डिटेल्स...


काबुल सुरक्षा विभाग के प्रवक्ता खालिद जादरान ने कहा कि काबुल में अहमदशा बाबा मीना इलाके में मुर्सल नबीज़ादा के घर में अज्ञात बंदूकधारियों ने प्रवेश किया। फिर उनकी हत्या कर दी। जादरान ने कहा कि अभी तक जिम्मेदार लोगों की पहचान नहीं हो पाई है और हत्या के पीछे का कारण स्पष्ट नहीं है। हमले के दौरान नबीज़ादा का भाई भी घायल हो गया था। हालांकि, उनके परिवार ने अभी तक इस घटना पर कोई टिप्पणी नहीं की है। तालिबान के प्रतिनिधि ने कहा कि नबीजादा की हत्या के मामले में आगे की जांच की जा रही है।

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कई अधिकार समूहों का कहना है कि तालिबान बलों ने बदला लेने के लिए हत्याएं की हैं और पूर्व सरकारी अधिकारियों और सुरक्षा बल के कर्मियों को जबरन गायब कर दिया है। 


अफगानिस्तान की संसद की पूर्व महिला सदस्य मुर्सल नबीजादा(MURSAL Nabizada) की अज्ञात बंदूकधारियों ने काबुल में उनके घर में हत्या कर दी थी। पुलिस ने कहा कि नबीज़ादा और उनके गार्ड की गोली मारकर हत्या कर दी गई। उनके भाई पर भी हमला किया गया था।

पुलिस ने बाद में जारी एक बयान में कहा कि हमला शनिवार की रात को हुआ और रविवार सुबह करीब सात बजे तक उन्हें इसकी सूचना नहीं दी गई। पुलिस के अनुसार, "पुलिस और सुरक्षा बलों ने बहुत जल्द कार्रवाई की और मामले की जांच शुरू की।" हालांकि पुलिस ने कहा कि अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है, लेकिन जांच जारी है।

2021 में जब अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा किया, तब कई राजनेता देश से भाग गए थे, तब तक नबीज़ादा एक सांसद थीं। अब्दुल गनी की सरकार में सांसद मुर्सल ने अफगानिस्तान से अमेरिका जाने के ऑफर को नकार दिया था। उन्होंने देश में ही रहकर लोगों के लिए काम करने का फैसला किया था।

ह्यूमन राइट्स वॉच के अंतरिम कार्यकारी निदेशक, तिराना हसन ने कहा, "नबीज़ादा महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों के लिए लड़ने के लिए अफगानिस्तान में रुकी थीं।"

कतर स्थित अफगानिस्तान में संयुक्त राज्य अमेरिका के मिशन के प्रभारी, करेन डेकर ने दोषियों को जवाबदेह ठहराने की मांग की है। उन्होंने कहा-"मुर्सल नबीज़ादा की हत्या से नाराज़, हतप्रभ हूं। एक दुखद नुकसान। मैं मुर्सल के परिवार को अपनी संवेदनाएं प्रदान करता हूं और आशा करता हूं कि उन्हें इस मूर्खतापूर्ण कृत्य के लिए न्याय मिलेगा।"

लोकल ब्रॉडकास्टर टोलो के अनुसार, काबुल का प्रतिनिधित्व करने के लिए 2018 में नबीज़ादा को संसद के निचले सदन के सदस्य के रूप में चुना गया था। तालिबान ने कहा है कि वे देश को सुरक्षित बनाने और अफगानों को वापस लौटने के लिए प्रोत्साहित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। लेकिन हाल के महीनों में कई हमले हुए हैं, जिनमें पिछले सप्ताह विदेश मंत्रालय पर एक हमला शामिल है, जिसकी जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली थी।इसमें  दर्जनों लोग मारे गए थे या घायल हुए थे। दिसंबर में, हिज्ब-ए-इस्लामी पार्टी के काबुल कार्यालय के पास एक आत्मघाती बम हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। उस समय इसके नेता गुलबुद्दीन हेकमत्यार (जो 1990 के दशक में अफगानिस्तान के प्रधान मंत्री थे) इसके अंदर थे।

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