UNICEF की चौंकाने वाली रिपोर्ट, दुनियाभर के बच्चों की जिंदगी खतरे में डाल रहे अमीर देश, पर्यावरण का मुद्दा

यूनिसेफ के अनुसंधान कार्यालय इनोसेंटी(UNICEF Office of Research, Innocenti) की प्रकाशित एक नवीनतम रिपोर्ट कार्ड ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। इसमें कहा गया है कि दुनिया के सबसे अमीर देश(The world richest countries) वैश्विक पर्यावरण के विनाश(destruction of the global environment) में योगदान देकर दुनिया भर के बच्चों के वर्तमान और भविष्य को खतरे में डाल रहे हैं।

Amitabh Budholiya | Published : May 27, 2022 2:59 AM IST / Updated: May 27 2022, 08:31 AM IST

वर्ल्ड न्यूज. दुनिया के बिगड़ते पर्यावरण को लेकर अकसर चिंता जाहिर करते आ रहे अमीर देशों की सच्चाई सामने आई है। यूनिसेफ के अनुसंधान कार्यालय इनोसेंटी(UNICEF Office of Research, Innocenti) की प्रकाशित एक नवीनतम रिपोर्ट कार्ड ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। इसमें कहा गया है कि दुनिया के सबसे अमीर देश(The world richest countries) वैश्विक पर्यावरण के विनाश(destruction of the global environment) में योगदान देकर दुनिया भर के बच्चों के वर्तमान और भविष्य को खतरे में डाल रहे हैं।

जानिए UNICEF की कार्ड रिपोर्ट क्या कहती है
यूनिसेफ ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका सहित कुछ सबसे धनी देशों ने वैश्विक वातावरण पर गंभीर और व्यापक प्रभाव डाला है। फिनलैंड, आइसलैंड, नीदरलैंड और नॉर्वे जैसे देश, जो अपनी सीमाओं के भीतर स्वस्थ वातावरण बना रहे हैं, लेकिन बाकी दुनिया के बच्चों के प्रति उनका रवैया इसके ठीक उलट है। इनोसेंटी रिपोर्ट कार्ड 17: प्लेसेस एंड स्पेसेस(Innocenti Report Card 17: Places and Spaces) में अमीर देशों और बाकियों की तुलना की गई है कि आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) और यूरोपीय संघ (ईयू) के 39 देशों ने बच्चों के लिए स्वस्थ वातावरण प्रदान करने में अपना कैसा और कितना योगदान दिया है।

Latest Videos

20 मिलियन बच्चों के ब्लड में बढ़ा लेड का स्तर
रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि पर्यावरण बिगड़ने से इन देशों के 20 मिलियन से अधिक बच्चों के रक्त में लेड(lead) का स्तर बढ़ गया है, जो कि सबसे जहरीले पदार्थों में से एक है। फ़िनलैंड, आइसलैंड और नॉर्वे अपने बच्चों के लिए एक स्वस्थ वातावरण प्रदान करने के मामले में शीर्ष तीसरे स्थान पर हैं, परंतु उत्सर्जन, ई-कचरे और खपत की उच्च दर के साथ बड़े पैमाने पर दुनिया के लिए यह नीचे तीसरे स्थान पर हैं।

यूनिसेफ ऑफिस ऑफ रिसर्च, इनोसेंटी के निदेशक गुनिल्ला ओल्सन( Gunilla Olsson, Director of UNICEF Office of Research, Innocenti) ने बताया कि कुछ मामलों में हम ऐसे देशों को देख रहे हैं, जो घर पर बच्चों के लिए अपेक्षाकृत स्वस्थ वातावरण प्रदान करते हैं, जबकि प्रदूषकों(pollutants) के शीर्ष योगदानकर्ताओं में से हैं जो दूसरे देशों के बच्चों के वातावरण को नष्ट कर रहे हैं। रिपोर्ट में दिखाया गया है कि मेक्सिको में हर 3.7 साल में प्रति हजार बच्चों पर वायु प्रदूषण के कारण सबसे ज्यादा स्वस्थ जीवन का नुकसान हुआ है, जबकि फिनलैंड और जापान में  यह सबसे कम 0.2 साल है।

यह भी पढ़ें
Russia Ukraine War: भूखे-प्यासे भटकते डॉग्स को देखकर पसीजा इस बिजनेस वुमेन का दिल, पूरा होटल बना दिया शेल्टर
25वें जन्मदिन पर यहां अविवाहितों को दी जाती है 'सजा', दालचीनी से नहलाकर किया जाता है ये काम

 

Share this article
click me!

Latest Videos

CM बनते ही दूसरी कुर्सी पर बैठी Atishi , आखिर क्यों बगल में खाली छोड़ दी 'गद्दी' । Arvind Kejriwal
RSS और BJP की चुप्पी! संजय सिंह ने फिर से दोहराए Arvind Kejriwal के पूछे 5 सवाल
दुर्गा प्रतिमा बनाने के लिए क्यों लेते हैं ‘सेक्स वर्कर्स’ के आंगन की मिट्टी । Durga Puja । Navratri
मुजफ्फरनगर में क्यों भिड़ गए योगी के 2 मंत्री, जमकर हुई तू-तू, मैं-मैं । Anil Kumar । Kapil Dev
रिटर्न मशीन हैं 7 Stocks..मात्र 1 साल रखें बढ़ेगा पैसा!