ULFA के कथित अध्यक्ष डॉ.मुकुल हजारिका को ब्रिटेन की अदालत ने किया बरी, भारत विरोधी गतिविधियों का आरोप

ब्रिटेन की अदालत ने अपर्याप्त सबूत होने पर 75 वर्षीय डॉ.मुकुल हजारिका (Mukul Hazarika) के खिलाफ चल रहे केस से बरी कर दिया। भारत सरकार द्वारा प्रत्यर्पण किए जाने के बाद यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (इंडिपेंडेंट) यानि ULFA (I) के कथित अध्यक्ष होने के आरोपी डॉक्टर ब्रिटेन की अदालत में केस लड़ रहे थे।

लंदन। उल्फा (ULFA-I) के कथित अध्यक्ष डॉक्टर मुकुल हजारिका (Mukul Hazarika) को भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश, आतंकी गतिविधियों के लिए युवाओं को संगठन में शामिल करने की कोशिशें के आरोपों से मुक्त कर दिया गया है। ब्रिटेन की अदालत ने अपर्याप्त सबूत होने पर 75 वर्षीय डॉ.मुकुल हजारिका (Mukul Hazarika) के खिलाफ चल रहे केस से बरी कर दिया। भारत सरकार द्वारा प्रत्यर्पण किए जाने के बाद यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (इंडिपेंडेंट) यानि ULFA (I) के कथित अध्यक्ष होने के आरोपी डॉक्टर ब्रिटेन की अदालत में केस लड़ रहे थे।

यह था आरोप...

Latest Videos

उत्तरी इंग्लैंड में क्लीवलैंड के एक ब्रिटिश नागरिक और सामान्य चिकित्सक (जीपी) 75 वर्षीय डॉ मुकुल हजारिका पर भारतीय अधिकारियों ने भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने, या युद्ध छेड़ने का प्रयास करने, या युद्ध छेड़ने के लिए मुकदमा चलाने की मांग की थी। उन पर भारतीय अधिकारियों ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम 1967 के तहत एक आतंकवादी कार्य करने की साजिश रचने 
वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में डिस्ट्रिक्ट जज माइकल स्नो के फैसले में कहा गया है कि आरोपी को बरी किया जाना चाहिए क्योंकि मामले में विवरण संतुष्ट करने वाले नहीं। ऐसा कोई स्वीकार्य सबूत नहीं है जो यह स्थापित करता हो कि प्रतिवादी उल्फा (आई) असम का अध्यक्ष है।

उल्फा से जुड़ा कोई सबूत नहीं

ब्रिटिश कोर्ट के जज ने कहा कि हजारिका को भारत में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन उल्फा का स्वयंभू अध्यक्ष करार दिया गया था। ऐसा कोई स्वीकार्य सबूत नहीं है जो यह आवश्यक पहचान प्रदान करता हो कि प्रतिवादी उल्फा (आई) का अध्यक्ष था या उसने प्रशिक्षण शिविर में भाषण दिया था। उन्होंने कहा कि मैं धारा 84(5) 2003 (प्रत्यर्पण) अधिनियम के अनुसार प्रतिवादी को आरोपमुक्त करता हूं।

यह आरोप लगाया गया था कि हजारिका को अभिजीत असम के नाम से भी जाना जाता था और वह भारत के अंदर और बाहर उल्फा में नए कैडरों की भर्ती में शामिल था, भारतीय सुरक्षा बलों पर हमले शुरू करने के लिए आतंकवादी शिविर आयोजित करता था, जिससे भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने का इरादा था। लेकिन अब वह सारे आरोपों से मुक्त हो चुके हैं। पिछले महीने (मई) सुनवाई के दौरान भारत सरकार की ओर से क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) के बैरिस्टर बेन लॉयड पेश हुए। 
 

Share this article
click me!

Latest Videos

UPPSC Student Protest: डिमांड्स पूरी होने के बाद भी क्यों जारी है छात्रों का आंदोलन, अब क्या है मांग
Maharashtra Election 2024: 'कटेंगे-बटेंगे' के खिलाफ बीजेपी में ही उठने लगे सवाल। Pankaja Munde
बदल गया दिल्ली के सराय काले खां चौक का नाम, जानें क्या है नया नाम? । Birsa Munda Chowk
खराब हो गया पीएम मोदी का विमान, एयरपोर्ट पर ही फंस गए प्रधानमंत्री । PM Modi । Deoghar Airport
SDM थप्पड़कांड के बाद 10 धाराओं में दर्ज हुआ केस, हवालात में ऐसे कटी नरेश मीणा की रात । Deoli-Uniara