अमेरिका-चीन आपसी खटास को कम करने के लिए आए साथ, बीजिंग में बैठकर की बात, ताइवान को लेकर तल्ख हो गए थे रिश्ते

चीन-अमेरिका के बीच तनाव अपने उच्चस्तर पर है। इस तल्खी को कम करने के लिए बीते दिनों बाली में हुए जी20 शिखर सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने मीटिंग की थी।

Dheerendra Gopal | Published : Dec 12, 2022 11:55 AM IST / Updated: Dec 13 2022, 01:25 AM IST

US-China on Taiwan: ताइवान के मुद्दे पर अमेरिका-चीन के बीच आई कड़वाहट को कम करने के लिए दोनों देश बातचीत कर रहे हैं। बीजिंग में चीन व अमेरिका के सीनियर प्रतिनिधिमंडल ताइवान पर चर्चा की है। दोनों देशों के बीच आई तल्खी को कम करने के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण पहल है। सोमवार को चीन ने बताया कि विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन अमेरिका की ओर से इस खटास को कम करने के लिए आगे आए हैं। 

कौन-कौन रहा इस वार्ता में शामिल?

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दोनों देशों की इस वार्ता में पूर्वी एशिया के शीर्ष अमेरिकी राजनयिक डैनियल क्रिटेनब्रिंक, चीन व ताइवान के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सीनियर डायरेक्टर लौरा रोसेनबर्गर, चीन के उप विदेश मंत्री झी फेंग शामिल हुए। यह मीटिंग उत्तरी प्रांत हेबेई में हुई। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बताया कि हेबेई में दोनों पक्षों ने दोनों राष्ट्रपतियों के बीच बाली शिखर सम्मेलन में बनी सहमति को लागू करने पर गहन चर्चा की है। उन्होंने बताया कि मीटिंग में ताइवान को लेकर भी बात हुई है। स्व-शासित लोकतांत्रिक द्वीप ताइवान पर चीन अपना दावा करता रहा है, जोकि चीन व अमेरिका के बीच संबंध खराब होने की मुख्य वजह रही। वांग ने बताया कि क्रिटेनब्रिंक, रोसेनबर्गर, झी ने समस्त स्तरों पर बातचीत करने पर सहमति जताई और भविष्य में द्विपक्षीय वार्ता पर जोर दिया।

बाली शिखर सम्मेलन में दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्ष ने की थी वार्ता

दरअसल, चीन-अमेरिका के बीच तनाव अपने उच्चस्तर पर है। इस तल्खी को कम करने के लिए बीते दिनों बाली में हुए जी20 शिखर सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने मीटिंग की थी। शिखर सम्मेलन में दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने बिगड़े संबंधों को सुधारने पर जोर देते हुए इस दिशा में आगे बढ़ने का संकल्प लिया। अगले साल 2023 में अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन चीन की यात्रा करेंगे। चार वर्षों में किसी भी टॉप अमेरिकी राजनयिक की होने वाली यह पहली यात्रा होगी। बता दें कि हाल के वर्षों में संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बीच मानवाधिकारों से लेकर व्यापार और प्रौद्योगिकी तक कई मुद्दों पर संबंधों में खटास आई है।

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