अमेरिका ने रूस के साथ अपने सामान्य व्यापारिक संबंध खत्म करने का ऐलान कर दिया है। अमेरिकी कांग्रेस ने इस फैसले पर मुहर लगा दी है। लेकिन इस फैसले का असर सीधी तौर पर अमेरिकी नागरिकों पर पड़ने वाला है।
वाशिंगटन। अमेरिकी कांग्रेस (US Congress) ने गुरुवार को मास्को के साथ सामान्य व्यापार संबंधों को समाप्त कर दिया। व्हाइट हाउस (White House) ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण (Russian attack on Ukraine) को लेकर राष्ट्रपति पुतिन (Vladimir Putin) पर दबाव बनाने के लिए रूसी तेल पर प्रतिबंध को भी जारी रखने का फैसला किया है। रूस पर अमेरिका का यह प्रतिबंध, बेलारूस पर भी समान रूप से लागू होगा। अमेरिका का मानना है कि यूक्रेन पर हमले के दौरान बेलारूस ने भी रूस का ही साथ दिया। रूस पर प्रतिबंध के बाद अमेरिका को भी भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा-रूस को कीमत चुकानी होगी
बिडेन ने पिछले महीने एक भाषण में प्रतिबंधों का ऐलान करते हुए कहा था कि रूस को अपने पूर्व सोवियत पड़ोसी देश में रक्तपात के लिए कीमत चुकानी चाहिए। हालांकि, रूस हमेशा से अत्याचार करने के आरोपों से इनकार किया है। उधर, सीनेट के मेजोरिटी के नेता चक शूमर (Chuck Schumer) ने कहा, "पुतिन को यूक्रेन के खिलाफ घृणित युद्ध अपराधों के लिए पूरी तरह से जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। हमने उस देश से जो छवियां देखी हैं, वे केवल शुद्ध बुराई हैं। यह हमें मानव इतिहास के सबसे बुरे क्षणों की याद दिलाता है, जो बेहद खराब आदमी पुतिन के कारण हुआ। उन्होंने कहा कि सैकड़ों नागरिकों की कोल्ड ब्लडेड हत्या की गई है।
रूस को नुकसान तो होगा अमेरिकी नागरिकों को भी परेशानी
अमेरिका ने कांग्रेस में रूस के खिलाफ प्रस्ताव पास कर, मास्को के आर्थिक व वित्तीय संबंधों को तोड़ने के उद्देश्य से कई दौर के उपाय किए हैं। हालांकि, रूसी तेल आयात पर प्रतिबंध लगाने से रूस कर्ज चुकता करने में डिफाल्टर तो होगा लेकिन अमेरिकी ऐलान से गैसोलीन व गेहूं जैसी प्रमुख वस्तुओं की कीमतों में भी बढ़ोत्तरी होगी। इससे अमेरिकी नागरिकों को भी काफी नुकसान उठाना पड़ेगा, जो पहले से ही चार दशकों में सबसे ज्यादा मुद्रास्फीति का सामना कर रहे हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका ने पिछले साल रूस से केवल 30 अरब डॉलर के माल का आयात किया, जिसमें कच्चे तेल में 17.5 अरब डॉलर शामिल थे।
अमेरिका का दवा रूसी अर्थव्यवस्था गहरी मंदी शिकार
विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken) ने एनबीसी न्यूज को बताया कि वैश्विक दंड ने रूसी अर्थव्यवस्था को गहरी मंदी में डाल दिया है। उन्होंने अनुमान लगाया कि रूस की अर्थव्यवस्था में 15 प्रतिशत संकुचन की आशंका है। ब्लिंकन ने कहा कि "यह नाटकीय है ... हमने दुनिया की लगभग हर बड़ी कंपनी के रूस से पलायन देखा है। और पुतिन ने, कुछ ही हफ्तों में, मूल रूप से रूस को दुनिया के लिए बंद कर दिया है।
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