अब बीमार व्यक्ति का सिर भी बदला जा सकेगा। सिर बदलने के बाद वह फिर से पहले की तरह अपने दैनिक कार्य कर सकेगा। उसका दिमाक भी काम करेगा और उसे अपनी बीमारी से भी निजात मिल जाएगी।
संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थित एक अग्रणी न्यूरोसाइंस और बायोमेडिकल इंजीनियरिंग स्टार्टअप ब्रेनब्रिज ने दुनिया की पहली हेड ट्रांसप्लांट प्रणाली विकसित करने के अपने मिशन को लांच किया है। जिसे एक वीडियो के माध्यम से सोशल मीडिया पर भी शेयर किया है कि किस प्रकार उसे एक इंसान का सिर दूसरे इंसान पर लगाया जा सकेगा।
दिमाग के साथ यादें और लक्ष्य भी रहेगा याद
बताया जा रहा है कि इस प्रकार से हेड ट्रांसप्लांट करने के बाद इंसान का ब्रेन पूरी तरह से काम भी करेगा। इसी के साथ उसमें पूरी तरह चेतना भी रहेगी। उसे पुरानी यादें भी रहेगी और वह किसी लक्ष्य की प्राप्ति वाले काम भी कर सकेगा। यानी हेड ट्रांसप्लांट होने के बाद वह पूरी तरह से पहले की तरह काम करेगा। जैसे एक इंसान स्वस्थ शरीर और दिमाक से काम करता था।
वीडियो देखने वाले भी हैरान
सोशल मीडिया पर शेयर किया गया हेड ट्रांसप्लांट का ये वीडियो देखकर हर कोई हैरान है। कई लोग तो ऐसा भी बोल रहे हैं कि ऐसा हो सकता है क्या। सोशल मीडिया पर एआई के माध्यम से एक शरीर से सिर को हटाकर दूसरे शरीर पर लगाया जा रहा है। फिर मशीन के माध्यम से ही धड़ को सिर से ज्वाइंट किया जाता है। फिर कुछ ही समय बाद इंसान खड़ा हो जाता है।
ब्रेनब्रिज का दावा वैज्ञानिक खोज पर आधारित ट्रांसप्लांट
इस पर ब्रेनब्रिज का दावा है कि उसका प्रयास दृढ़ता से वैज्ञानिक खोज पर आधारित है, जिसका उद्देश्य स्टेज -4 कैंसर, पक्षाघात और दुर्बल करने वाली न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों जैसी प्रतीत होने वाली दुर्गम स्थितियों से पीड़ित रोगियों को आशा की किरण प्रदान करना है। जैसे अल्जाइमर और पार्किंसंस। ब्रेनब्रिज का पहला हेड ट्रांसप्लांट सिस्टम, सिर और चेहरे के ट्रांसप्लांट के लिए रोबोटिक्स और एआई का उपयोग करता है, जो स्टेज -4 कैंसर और न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों जैसी गंभीर स्थितियों वाले लोगों को आशा प्रदान करता है।