
UNSC members slams Pakistan: यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल (UNSC) ने कश्मीर के पहलगाम (Pahalgam) में हुए आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की है। बंद कमरे में हुई इस बैठक में UNSC के सदस्यों ने पाकिस्तान से सीधे सवाल किए कि आखिर लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) जैसे आतंकी संगठन उनके देश में कैसे फल-फूल रहे हैं। सदस्य देशों ने पाकिस्तान को सीधे तौर पर लश्कर-ए-तैयबा के कृत्य के लिए दोषी ठहराया।
22 अप्रैल को हुए इस जघन्य हमले में 25 पर्यटक और एक कश्मीरी टट्टू मालिक की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, UNSC सदस्यों ने इस हमले को धार्मिक पहचान के आधार पर किया गया लक्षित नरसंहार करार दिया। पाकिस्तान की ओर से इसे ‘फॉल्स फ्लैग’ ऑपरेशन बताने की कोशिश को भी UNSC ने पूरी तरह खारिज कर दिया।
मीटिंग के दौरान UNSC के कई सदस्य देशों ने पाकिस्तान की हालिया मिसाइल टेस्टिंग और न्यूक्लियर धमकियों को विवाद को बढ़ाने वाला खतरनाक कदम बताया। भारत के खिलाफ पाकिस्तान की ‘न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग’ पर भी सवाल उठे।
हालांकि, पाकिस्तान ने इस बैठक को बुलाने की मांग की थी लेकिन उसकी मंशा भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने की थी, जो पूरी तरह विफल रही। अधिकांश सदस्य देशों ने स्पष्ट कहा कि भारत और पाकिस्तान को अपने मुद्दे आपसी बातचीत से सुलझाने चाहिए।
Pahalgam नरसंहार के बाद भारत ने पाकिस्तान से जुड़ी इंडस वॉटर ट्रीटी (Indus Waters Treaty) को सस्पेंड कर दिया और भारत में रह रहे पाकिस्तानियों के वीजा भी रद्द कर दिए गए। यह भारत का आतंक के खिलाफ सख्त और निर्णायक रुख था।
मीटिंग से पहले UN महासचिव एंटोनियो गुटेरेस (Antonio Guterres) ने कहा: मिलिट्री सॉल्यूशन कोई समाधान नहीं है। दोनों देशों को टकराव के कगार से वापस लौटना चाहिए। उन्होंने हमला झेलने वालों के प्रति संवेदना जताते हुए कहा कि नागरिकों को निशाना बनाना अस्वीकार्य है।
UNSC मीटिंग के बाद पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार ने मीडिया से कहा कि उनका देश इस हमले में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार करता है। उन्होंने भारत द्वारा Indus Waters Treaty को सस्पेंड करने को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया। लेकिन UNSC के किसी सदस्य ने उनकी बातों पर खास तवज्जो नहीं दी।
मीटिंग के अंत में ग्रीस के राजदूत एवांगेलोस सेकेरिस (Evangelos Sekeris), जो मई महीने के लिए UNSC के अध्यक्ष हैं, ने कहा कि बैठक उपयोगी और उद्देश्यपूर्ण रही। रूस और ट्यूनिशिया के राजनयिकों ने भी शांति की अपील की लेकिन साथ ही आतंक के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की बात दोहराई।
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