
Operation Hawkeye Syria: सीरिया एक बार फिर युद्ध और तनाव की सुर्खियों में है। कुछ दिन पहले ISIS के एक घातक हमले में अमेरिकी सैनिकों की मौत हुई थी और अब उसी के जवाब में अमेरिका ने सीरिया में बड़े पैमाने पर हवाई हमले कर दिए हैं। इस सैन्य कार्रवाई को “ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक” नाम दिया गया है। अमेरिकी फाइटर जेट, अटैक हेलीकॉप्टर और तोपखाने ने सेंट्रल सीरिया में ISIS के कई ठिकानों को निशाना बनाया। यह हमला ऐसे समय में हुआ है, जब दुनिया पहले से ही मध्य पूर्व की स्थिति को लेकर चिंतित है। सवाल यह है कि अमेरिका ने इतनी तेज़ और कड़ी कार्रवाई क्यों की?
13 दिसंबर को सीरिया के पाल्मायरा इलाके में ISIS ने अमेरिकी और सीरियाई सेना के काफिले पर घात लगाकर हमला किया था। इस हमले में दो अमेरिकी सैनिकों और एक नागरिक दुभाषिए की मौत हो गई थी, जबकि तीन अन्य अमेरिकी सैनिक घायल हो गए थे। हमलावर को मौके पर ही मार गिराया गया, लेकिन यह हमला अमेरिका के लिए एक बड़ी चेतावनी बन गया।
अमेरिकी रक्षा अधिकारियों के मुताबिक, ऑपरेशन हॉकआई का मकसद ISIS के लड़ाकों, उनके हथियारों, सप्लाई रूट और उन ठिकानों को खत्म करना है, जहां से हमलों की योजना बनाई जाती है। अमेरिकी फाइटर जेट और हेलीकॉप्टरों ने हथियार भंडारण केंद्र, सप्लाई पॉइंट और ऑपरेशनल इमारतों को निशाना बनाया। अमेरिका का साफ कहना है कि वह ISIS के नेटवर्क को कमजोर करना चाहता है, ताकि भविष्य में अमेरिकी सैनिकों और सहयोगी बलों पर खतरा कम हो सके।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस कार्रवाई से पहले ही ट्रुथ सोशल पर कड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा कि ISIS द्वारा अमेरिकी सैनिकों की हत्या का जवाब ज़रूर दिया जाएगा। ट्रंप ने लिखा कि अमेरिका जिम्मेदार आतंकियों पर “बहुत गंभीर जवाबी कार्रवाई” कर रहा है। उन्होंने आतंकवादी संगठनों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कोई भी अमेरिका पर हमला करेगा या धमकी देगा, तो उसे पहले से कहीं ज्यादा कड़ा जवाब मिलेगा।
अमेरिकी युद्ध सचिव पीट हेगसेथ ने साफ किया कि यह किसी नए युद्ध की शुरुआत नहीं है, बल्कि बदले की कार्रवाई है। उन्होंने कहा कि अमेरिका अपने लोगों की सुरक्षा के लिए कभी पीछे नहीं हटेगा। उनका बयान काफी सख्त और चेतावनी भरा माना जा रहा है।
हालांकि ISIS अब बड़े इलाकों पर कब्जा नहीं करता, लेकिन वह स्लीपर सेल और छोटी यूनिट्स के ज़रिए अब भी हमले करने में सक्षम है। पेंटागन के अनुसार, 2024 में ISIS ने अमेरिकी ठिकानों पर कम से कम 11 हमलों या साजिशों को अंजाम दिया।
हाल के महीनों में अमेरिका और उसके सहयोगियों ने सीरिया और इराक में ISIS के कई हथियार ठिकानों को नष्ट किया है। ऑपरेशन हॉकआई के बाद यह साफ हो गया है कि अमेरिका ISIS को दोबारा ताकतवर बनने का कोई मौका नहीं देना चाहता। अब पूरी दुनिया की नजर इस बात पर है कि क्या यह कार्रवाई यहीं थमेगी या सीरिया में हालात और ज्यादा बिगड़ सकते हैं।
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