जानें किस अमेरिकी फाइटर प्लेन ने निकाली चीनी जासूसी गुब्बारे की हवा, किया किस मिसाइल का इस्तेमाल

वाशिंगटन। अमेरिका ने चीनी जासूसी गुब्बारे (Chinese Spy Balloon) को मार गिराया है। सीएनएन ने अमेरिकी सेना के अधिकारियों के हवाले से बताया है कि इसके लिए पांचवी पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर प्लेन F-22 का इस्तेमाल किया गया। 

 

Vivek Kumar | Published : Feb 5, 2023 2:48 AM IST / Updated: Feb 05 2023, 11:51 AM IST
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F-22 ने दागा AIM-9X मिसाइल

अमेरिकी वायु सेना के विमान ने चीनी गुब्बारा गिराने के लिए वर्जीनिया के लैंगली एयर फोर्स बेस से उड़ान भरी थी। गुब्बारे को शनिवार दोपहर 2:39 बजे गिराया गया। गुब्बारा गिराने के लिए अमेरिकी वायु सेना ने अपने सबसे ताकतवर लड़ाकू विमान F-22 का इस्तेमाल किया। विमान ने सिर्फ एक AIM-9X मिसाइल दागकर चीनी गुब्बारे की हवा निकाल दी।

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सेना ने तय किया सही वक्त और जगह

चीनी जासूसी गुब्बारा कई दिनों से अमेरिका के आसमान में उड़ान भर रहा था। इससे अमेरिका के महत्वपूर्ण सामरिक ठिकानों की जानकारी जुटाई जा रही थी। उसे गिराने के दौरान मलबा के जमीन पर गिरने और उसके चपेट में आकर लोगों को नुकसान होने का खतरा था। इसके चलते अमेरिकी सेना ने गुब्बारा नष्ट करने के लिए सही समय और जगह का चुनाव किया। गुब्बारा समुद्र के ऊपर पहुंचा तब उसे नष्ट किया गया ताकि मलबा गिरने से लोगों को नुकसान नहीं हो।

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सरकार ने लोगों से कहा- नहीं उठाएं गुब्बारा का मलबा

गुब्बारा को अटलांटिक महासागर के ऊपर मार गिराया गया। दक्षिण कैरोलिना की सरकार ने समुद्र तट के करीब रहने वालों को सलाह दी है कि वे मलबे को उठाकर अपने पास नहीं रखें। अमेरिकी सेना के सदस्य समुद्र से मलबा उठा रहे हैं। इस तरह की चीजें जांच का हिस्सा हैं। इससे छेड़छाड़ से जांच प्रभावित हो सकती है।

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एफबीआई करेगी गुब्बारे के मलबे की जांच

चीनी गुब्बारे के मलबे की जांच FBI करेगी। मलबे को वर्जीनिया के क्वांटिको स्थित FBI लैब में ले जाया जाएगा। यहां एफबीआई के विशेषज्ञों और खुफिया एजेंसियों द्वारा मलबे का विश्लेषण किया जाएगा।

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मलबा जमा कर रही अमेरिकी नौसेना

अमेरिकी नौसेना द्वारा गुब्बारे के मलबे को जमा किया जा रहा है। तटरक्षक बल के पोत द्वारा मलबा गिरने वाले समुद्री इलाके को सुरक्षित किया गया है। नौसेना के गोताखोर मलबे की तलाश में समुद्र में गोताखोरी कर रहे हैं। जिस जगह मलबा गिरा वहां पानी करीब 47 फीट गहरा है। इसके चलते मलबा निकालने में अधिक परेशानी होने की उम्मीद नहीं है।

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