अमेरिका चाहता था अशरफ गनी सौंप दे तालिबान को सत्ता, ब्लिंकन ने किया बड़ा खुलासा

अशरफ गनी ने 15 अगस्त को अफगानिस्तान छोड़ दिय़ा। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि अशरफ गनी 4 कारों में भारी कैश भरकर देश छोड़कर निकले थे। 

वाशिंगटन। अफगानिस्तान (Afghanistan) के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) के देश छोड़ने पर अमेरिकी विदेश मंत्री (US Foreign Minister) एंटी ब्लिंकन (Antony Blinken) ने तंज कसा है। तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद अमेरिका पहली बार गनी पर हमलावर हुआ है। ब्लिंकन ने कहा कि वह मरते दम तक जंग जारी रखेंगे, लेकिन जब तालिबान आया तो वह देश ही छोड़कर भाग निकले। 

अमेरिका चाहता था गनी पॉवर ट्रांसफर कर दें

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दरअसल, अमेरिका चाहता था कि अफगानिस्तान की सत्ता को गनी ट्रांसफर करते हुए तालिबान को सौंप दें। एक चैनल से बातचीत करते हुए ब्लिंकन ने कहा कि शनिवार 14 अगस्त की रात को उन्होंने अशरफ गनी से बात की थी। तब गनी ने उनसे कहा था कि उन्होंने मरते दम तक लड़ने की बात कही थी, लेकिन वह भाग निकले। 

ब्लिकन ने कहा, 'मेरी 14 अगस्त को उनसे बात हुई थी और मैंने उनसे कहा था कि वह पावर के ट्रांसफर के प्लान को स्वीकार करें। वह तालिबान के साथ समझौते पर आगे बढ़ें। तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार में अफगानिस्तान के लोगों की सभी आकांक्षाओं को शामिल किया जाएगा।'

ब्लिंकन ने कहा, 'गनी तालिबान को सत्ता सौंपने को कुछ शर्तों के साथ तैयार हैं। लेकिन तालिबान द्वारा स्वीकार नहीं करने पर मरते दम तक लड़ने की बात कर रहे थे। लेकिन अगले ही दिन देश छोड़ दिया।' 

15 अगस्त को छोड़ दिया था गनी ने देश

अशरफ गनी ने 15 अगस्त को अफगानिस्तान छोड़ दिय़ा। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि अशरफ गनी 4 कारों में भारी कैश भरकर देश छोड़कर निकले थे। एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि वह कई महीनों से अशरफ गनी से संपर्क में थे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अमेरिका के इस सबसे लंबे चले युद्ध को खत्म करके सही किया है। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा नहीं होता तो अमेरिका की आने वाली पीढ़ियों को इसका खामियाजा उठाना पड़ता। 

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