अमेरिकी सभा में हॉन्ग कॉन्ग ‘लोकतंत्र अधिनियम’ पारित हुआ, इस पर चीन ने जताया आक्रोश

विधेयक में अमेरिकी राष्ट्रपति को उन लोगों की पहचान करने और उन पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार देने का प्रावधान किया गया है जो हॉन्गकॉन्ग में स्वायत्तता और मानवाधिकारों के गंभीर हनन के लिए जिम्मेदार हैं। चीन ने इस विधेयक के पारित होने पर कड़ा आक्रोश व्यक्त किया है।

Asianet News Hindi | Published : Oct 16, 2019 1:30 PM IST / Updated: Oct 16 2019, 07:03 PM IST

वाशिंगटन (Washington). अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने मंगलवार को हॉन्गकॉन्ग में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों की मांग वाले एक विधेयक को पारित कर दिया, जिसका उद्देश्य उस अर्ध-स्वायत्त क्षेत्र में नागरिक अधिकारों की रक्षा करना है। इस कदम पर चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

अब सीनेट में पेश किया जाएगा
‘हॉन्गकॉन्ग मानवाधिकार एवं लोकतंत्र अधिनियम’ को अब सीनेट में पेश किया जाएगा, जहां से पारित होने के बाद यह कानून बन जाएगा। विधेयक को कांग्रेस में द्विदलीय समर्थन मिला जो दुर्लभ बात है। यह कानून हॉन्गकॉन्ग-अमेरिका के विशेष व्यापारिक दर्जे को समाप्त कर देगा जब तक कि विदेश विभाग सालाना यह प्रमाणित नहीं कर देता कि शहर के अधिकारी मानवाधिकारों और कानून व्यवस्था का सम्मान कर रहे हैं। इस विधेयक में अमेरिकी राष्ट्रपति को उन लोगों की पहचान करने और उन पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार देने का प्रावधान किया गया है जो हॉन्गकॉन्ग में स्वायत्तता और मानवाधिकारों के गंभीर हनन के लिए जिम्मेदार हैं। चीन ने इस विधेयक के पारित होने पर कड़ा आक्रोश व्यक्त किया है।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने एक बयान में कहा, ‘‘हॉन्गकॉन्ग के सामने तथाकथित मानवाधिकार और लोकतंत्र का मुद्दे बिल्कुल भी नहीं हैं, बल्कि जल्द से जल्द हिंसा को रोकने, व्यवस्था को बहाल करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने का मुद्दा है।’’ गेंग ने कहा कि अमेरिका को इस मामले में हस्तक्षेप बंद करना चाहिए। उन्होंने आगाह भी किया कि चीन प्रस्तावित हॉन्गकॉन्ग विधेयक से निपटने के लिए ठोस कदम उठाएगा।

मंगलवार को सदन के पटल पर विधेयक पेश करने वाले इसके प्रमुख प्रस्तावक रिपब्लिकन सांसद क्रिस स्मिथ ने कहा, ‘‘आज हम चीनी राष्ट्रपति और हॉन्गकॉन्ग की मुख्य कार्यकारी अधिकारी कैरी लाम से आग्रह कर रहे हैं कि वे ईमानदारी से सरकार के इन वादों का सम्मान करें कि हॉन्गकॉन्ग के अधिकारों और स्वायत्तता की रक्षा होगी।’’

 

[यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है]

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