सीरिया में अमेरिका की ड्रोन strike, अलकायदा लीडर अब्दुल हामिद अत-मातर मारा गया, महीनेभर में दूसरा बड़ा अटैक

Published : Oct 23, 2021, 08:35 AM ISTUpdated : Oct 23, 2021, 08:41 AM IST
सीरिया में अमेरिका की ड्रोन strike, अलकायदा लीडर अब्दुल हामिद अत-मातर मारा गया, महीनेभर में दूसरा बड़ा अटैक

सार

अमेरिकी सेना (US military) ने सीरिया(Syria) में एक ड्रोन स्ट्राइक(drone strike) के जरिये अलकायदा(al Qaeda) के कुख्यात लीडर अब्दुल हामिद अल-मातर को मार गिराया है।

वाशिंगटन. अमेरिका ने एक महीने के अंदर दूसरी बार सीरिया(Syria)  में एयर स्ट्राइक की है। अमेरिकी सेना (US military) ने सीरिया(Syria) में एक ड्रोन स्ट्राइक(drone strike) के जरिये अलकायदा(al Qaeda) के कुख्यात लीडर अब्दुल हामिद अल-मातर को मार गिराया है। शुक्रवार को अमेरिकी सेंट्रल कमांड के प्रवक्ता मेजर जॉन रिग्सबी(Major John Rigsbee) ने यह जानकारी दी। रिग्सबी ने कहा कि अलकायदा अमेरिका और उसके साथी देशों के लिए खतरा है। यह आतंकवादी संगठन सीरिया को अपने लिए एक सुरक्षित जगह मानता है। यही से वो दुनियाभर में आतंकी हमले कराता है। अमेरिकी सेना का मानना है कि अब्दुल हामिद  के मारे जाने के बाद अलकायदा के ऑपरेशंस में कुछ हद तक रुकावट आएगी।

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सितंबर के बाद दूसरा बड़ा हमला
पेंटागन(अमेरिकी सेना का हेडक्वार्टर) ने सितंबर के बाद सीरिया में अल कायदा के किसी नेता के खिलाफ यह दूसरा बड़ा हमला किया है। उस समय यूएस सेंट्रल कमांड ने एक बयान दिया था कि पेंटागन(Pentagon) ने 20 सितंबर को सीरिया के इदलिब में अल कायदा के एक वरिष्ठ नेता के खिलाफ हमला किया था। यह हमला विद्रोही के नियंत्रण वाले एरिया उत्तर-पश्चिमी सीरिया में किया गया था। इसमें अल-कायदा का एक सीनियर लीडर सलीम अबू-अहमद मारा गया था।

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2011 से सीरिया में चल रहा युद्ध
बता दें कि सीरिया का इदलिब और पड़ोसी अलेप्पो का बड़ा हिस्सा सीरियाई सशस्त्र विपक्ष के हाथों में है, जो अल-कायदा से जुड़े हयात तहरीर अल-शाम सहित सशस्त्र समूहों का एक हिस्सा है। सीरिया में 2011 से गृहयुद्ध छिड़ा हुआ है। अब तक युद्ध में लगभग 5 लाख लोग मारे जा चुके हैं। इस लड़ाई में अल-कायदा, इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवेंट (ISIL, जिसे ISIS भी कहा जाता है) और अन्य संबद्ध समूहों से जुड़ीं विदेशी सेनाएं, मिलिशिया और अन्य सशस्त्र समूह शामिल हैं। बता दें कि अरब क्रांति के बाद मार्च, 2011 में सीरिया के दक्षिणी शहर दाराआ में भी लोकतंत्र के समर्थन में आंदोलन शुरू हुए थे। इसके बाद तानाशाह बशर अल असाद ने विरोधियों को कुचलना शुरू किया। 2012 में सीरिया में गृहयुद्ध चरम पर पहुंच गया। अब यह देश बर्बाद हो चुका है।

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