
काबुल: तालिबान ने अमेरिकी दूत जलमी खलीलजाद से इस्लामाबाद में बातचीत की। अफगानिस्तान में 18 साल से चल रही जंग को खत्म करने के लिए शांति समझौते को ‘खत्म’ बताने की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की घोषणा के करीब एक महीने बाद यह बैठक हुई है।
बैठक को माना जा रहा है महत्वपूर्ण
अधिकारी ने खलीलजाद और मुल्ला अब्दुल गनी बरादर के नेतृत्व में तालिबान प्रतिनिधिमंडल के बीच हुई बैठक का पूरा ब्यौरा नहीं दिया। मुल्ला अब्दुल गनी बरादर उस अभियान के सह-संस्थापक है, जिसे 2001 में अमेरिका नेतृत्व वाले गठबंधन ने बाहर किया था। बहरहाल, अमेरिकी अधिकारियों ने अब तक यही कहा है कि शांति वार्ता बहाल नहीं हुई है और इस्लामाबाद में कोई बातचीत नहीं हुई । इस बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि 18 साल के युद्ध के बाद अमेरिका अफगानिस्तान से निकलना चाहता है ।
इमरान खान ने कही तालिबान के साथ बातचीत शुरू करने की बात
खलीलजाद की इस्लामाबाद की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कुछ दिन पहले ही अमेरिका की यात्रा की थी। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति ट्रम्प से मुलाकात कर अफगानिस्तान में शांति की दिशा में बातचीत समेत कई अन्य मुद्दों पर चर्चा की थी। खलीलजाद ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNJA) के सत्र में शामिल होने आए प्रधानमंत्री से भी मुलाकात की थी। वहां दोनों ने तालिबान के साथ बातचीत फिर से शुरू करने को लेकर अपने विचार साझा किए थे।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
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