
Israel Iran War: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ईरान और इजरायल को लेकर 'f-word' का इस्तेमाल करने के चलते विवादों में हैं। मामले के तूल पकड़ने के बाद उन्होंने सफाई दी है। कहा है कि इजरायल और ईरान "स्कूल के दो बच्चों" जैसे हैं। कभी-कभी किसी को सही रास्ते पर लाने के लिए "कड़े शब्दों" का इस्तेमाल करना पड़ता है।
नाटो शिखर सम्मेलन (NATO Summit) के बाद पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि मंगलवार को इजरायल और ईरान के बीच युद्ध विराम पर सहमति बनी। इसके बाद लड़ाई रुक गई है।
ट्रंप ने चुटकी लेते हुए कहा, "उनका संघर्ष समाप्त हो चुका है। वे एक बड़ी लड़ाई लड़ चुके हैं, जैसे स्कूल के मैदान में दो बच्चे आपस में लड़ते हैं। आप जानते हैं, वे बहुत लड़ते हैं। आप उन्हें रोक नहीं सकते। उन्हें दो, तीन मिनट तक लड़ने दीजिए। उसके बाद उन्हें रोकना आसान हो जाएगा।"
नाटो महासचिव मार्क रूटे ने बीच में बोलते हुए कहा, "और फिर डैडी को कभी-कभी कठोर भाषा का प्रयोग करना पड़ता है।" इसपर ट्रंप ने कहा, "आपको कठोर भाषा का प्रयोग करना होगा, हर बार एक निश्चित शब्द का प्रयोग करना होगा।"
ये बातें ट्रंप द्वारा लाइव टीवी पर F-bomb गिराने को लेकर कही गईं। ट्रंप ने इजरायल और ईरान के बीच युद्ध विराम की घोषणा के बावजूद एक-दूसरे पर मिसाइल दागने के बाद निराशा में गंदा शब्द इस्तेमाल किया था।
ट्रंप ने कहा, "इजरायल और ईरान इतने लंबे समय से इतनी कड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं कि उन्हें पता ही नहीं है कि *** वे क्या कर रहे हैं।"
बता दें कि नीदरलैंड में नाटो शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया। इसमें मध्य पूर्व संघर्ष का मुद्दा छाया रहा। ट्रंप ने सदस्यों से अपने सैन्य खर्च का हिस्सा बढ़ाकर 5% करने का आग्रह किया।
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