हॉन्ग कॉन्ग को लेकर अमेरिका ने चीन को दिया बड़ा झटका, राष्ट्रपति ट्रम्प ने साइन किया ये नया कानून

कोरोना की मार झेल रहे अमेरिका और चीन के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को हॉन्ग कॉन्ग मुद्दे पर चीन को बड़ा झटका दिया। ट्रम्प ने हॉन्ग कॉन्ग के खिलाफ दमनकारी नीतियों के लिए चीन के खिलाफ कड़े प्रतिबंधों को अधिकृत करने के लिए हॉन्ग कॉन्ग स्वायत्तता अधिनियम पर हस्ताक्षर किए। 

Asianet News Hindi | Published : Jul 15, 2020 2:21 AM IST

वॉशिंगटन. कोरोना की मार झेल रहे अमेरिका और चीन के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को हॉन्ग कॉन्ग मुद्दे पर चीन को बड़ा झटका दिया। ट्रम्प ने हॉन्ग कॉन्ग के खिलाफ दमनकारी नीतियों के लिए चीन के खिलाफ कड़े प्रतिबंधों को अधिकृत करने के लिए हॉन्ग कॉन्ग स्वायत्तता अधिनियम पर हस्ताक्षर किए। 

ट्रम्प ने कहा, आज मैंने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं। यह चीन को हॉन्ग कॉन्ग के लोगों के खिलाफ दमनकारी कार्यों के लिए जिम्मेदार ठहराएगा। यह अधिनियम चीन को जिम्मेदार ठहराने के लिए अधिक शक्तियां प्रदान करने वाला है। 
 


चीन ने हॉन्ग कॉन्ग में लागू किया सुरक्षा कानून
चीन ने दो हफ्ते पहले हॉन्ग कॉन्ग के लोगों का दमन वाला विवादित सुरक्षा कानून लागू किया है। अब ट्रम्प ने इसी के जवाब में यह अधिनियम पारित किया है। यह हॉन्ग कॉन्ग की स्वायत्ता के सरंक्षण के लिए विदेशी व्यक्तियों और बैंकों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करने के लिए ट्रम्प प्रशासन को शक्तियां प्रदान करेगा। 

चीन ने हॉन्ग कॉन्ग के लोगों के अधिकारों को छीना
रोज गार्डन में पत्रकारों से बातचीत में ट्रम्प ने कहा, हॉन्ग कॉन्ग के साथ चीन जैसा व्यवहार नहीं किया जा सकता। यह कानून हमारे प्रशासन को हॉन्गकॉन्ग की आजादी खत्म करने में शामिल व्यक्तियों, संस्थाओं को जिम्मेदार ठहराने की शक्ति देता है। ट्रम्प ने कहा, सबने देखा है कि क्या हुआ। यह स्थिति अच्छी नहीं है। उनकी स्वतंत्रता और अधिकारों को छीन लिया गया। 

चीन पर बरसे ट्रम्प
ट्रम्प ने कहा, चीन ने अमेरिका का फायदा उठाया, लेकिन बदले में वायरस दिया। इसकी वजह से बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। ट्रम्प ने कहा, विकासशील देशों के नाम पर चीन लगातार अमेरिका से फायदा लेता रहा। पिछली सरकारें उसकी मदद करती रहीं। हमारी सरकार ने चीन के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं। वह इस लायक नहीं है। उसकी वजह से ही दुनिया आर्थिक संकट का सामना कर रही है।

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