भारत में दिखेगा अमेरिकी राष्ट्रपति का Air Force one, इस पर मिसाइल नहीं कर सकता वार, जानें अन्य खासियत

जी20 के शिखर सम्मेलन (G20 summit) में शामिल होने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन भारत आने वाले हैं। इस दौरान भारत के आकाश में उनका एयर फोर्स वन विमान दिखेगा।

 

Vivek Kumar | Published : Aug 27, 2023 1:08 AM IST

नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) 7-10 सितंबर तक दिल्ली में होने वाले G20 के शिखर सम्मेलन (G20 summit) में हिस्सा लेने आएंगे। वह अपने खास विमान एयर फोर्स वन में सवार होकर दिल्ली आएंगे। इसे दुनिया का सबसे सुरक्षित विमान कहा जाता है। इस विमान के पास ऐसी खूबियां हैं कि मिसाइल वार नहीं कर पाते। यह हवा में उड़ते कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के रूप में काम करता है। आगे पढ़ें अमेरिकी राष्ट्रपति के विमान के बारे में खास बातें..

अमेरिका के राष्ट्रपति को किसी भी वक्त दुनिया के किसी भी हिस्से में जाना पड़ सकता है। इसके चलते उनके विमान को 24 घंटे तैयार रखा जाता है। एयर फोर्स वन किसी एक विमान का नाम नहीं है। टेक्निकली अमेरिका के राष्ट्रपति जिस विमान या हेलिकॉप्टर में सवार होते हैं वह उस वक्त के लिए एयर फोर्स वन होता है।

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अत्याधुनिक सेल्फ डिफेंस सिस्टम से लैस है विमान
अमेरिका के राष्ट्रपति मुख्य रूप से दो बोइंग 747-200B विमानों का इस्तेमाल करते हैं। इन्हें बहुत अधिक कस्टमाइज किया गया है। इन विमानों के टेल कोड 28000 और 29000 हैं। राष्ट्रपति के लिए तैयार किए गए इन विमानों अत्याधुनिक सेल्फ डिफेंस सिस्टम से लैस किया गया है। इसकी मदद से यह हमला करने आ रहे मिसाइल को चकमा दे पाता है।

विमान में हवा में भरा जा सकता है इंधन
राष्ट्रपति के बोइंग 747-200B विमान में हवा में इंधन भरने की सुविधा है। इससे विमान का रेंज असीमित सीमा तक बढ़ जाता है। यह विमान एक ही उड़ान में अमेरिकी राष्ट्रपति को दुनिया के किसी भी हिस्से में पहुंचा सकता है। विमान के इलेक्ट्रॉनिक्स को विद्युत चुम्बकीय पल्स से बचाने के इंतजाम किए गए हैं। इसमें बेहद सुरक्षित कम्युनिकेशन उपकरण लगाए गए हैं जिससे यह अमेरिका पर हमले की स्थिति में उड़ने वाले कमांड सेंटर के रूप में काम कर सकता है।

विमान में राष्ट्रपति के लिए है सुइट
विमान के तीन फ्लोर पर 4000 वर्ग फुट जगह है। यह उड़ने वाले घर और ऑफिस की तरह काम करता है। इसमें राष्ट्रपति के लिए एक सुइट, बड़ा ऑफिस, शौचालय और कॉन्फ्रेंस हॉल है। एयर फोर्स वन में एक मेडिकल सुइट भी है। इसमें जरूरत पड़ने पर ऑपरेशन किया जा सकता है। एक डॉक्टर हमेशा इसमें तैनात रहते हैं। विमान का किचेन इतना बड़ा है कि एक बार में 100 लोगों को खाना खिलाया जा सकता है।

एयरफोर्स वन के साथ उड़ान भरते हैं लड़ाकू विमान
राष्ट्रपति के साथ उनके सीनियर एडवाइजर, सीक्रेट सर्विस के अधिकारी और अन्य लोग यात्रा करते हैं। उनके लिए विमान में क्वार्टर बने हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जहां भी जाते हैं उनके काफिले की कारें और अन्य सामान भी साथ जाते हैं। इसके लिए कई मालवाहक विमान आमतौर पर एयर फोर्स वन के आगे उड़ान भरते हैं।

यह भी पढ़ें- G20 Summit के लिए भारत नहीं आएंगे रूसी राष्ट्रपति पुतिन, क्रेमलिन ने बताई वजह

राष्ट्रपति अगर किसी ऐसे हवाई क्षेत्र के ऊपर से उड़ने वाले हों जहां खतरा हो तो एयर फोर्स वन के साथ अमेरिकी लड़ाकू विमान भी उड़ान भरते हैं। एयर फोर्स वन का रखरखाव और संचालन प्रेसिडेंशियल एयरलिफ्ट ग्रुप द्वारा किया जाता है। एयरलिफ्ट ग्रुप की स्थापना 1944 में राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट के निर्देश पर राष्ट्रपति पायलट कार्यालय के रूप में की गई थी।

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