
US President Joe Biden Ukraine Visit: रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग को करीब एक साल हो चुके हैं। इसी बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) अचानक सोमवार 20 फरवरी को यूक्रेन के दौर पर राजधानी कीव पहुंच गए। जो बाइडेन के इस दौरे से सभी हैरान रह गए, क्योंकि किसी को भी इसकी कानोंकान खबर नहीं थी। सबसे बड़ी बात ये है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जब भी किसी दौरे पर जाते हैं तो सबसे सुरक्षित और हाइटेक एयरफोर्स वन में सफर करते हैं, लेकिन यूक्रेन की राजधानी कीव पहुंचने के लिए बाइडेन ने एक छोटे प्लेन और ट्रेन का इस्तेमाल किया। आइए जानते हैं कैसे ट्रेन में 10 घंटे का सफर कर कीव पहुंचे बाइडेन।
बाइडेन के सीक्रेट दौर पर थी छोटी-सी टीम
आमतौर पर विदेश यात्रा के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ एक बड़ा काफिला चलता है। इस काफिले में कई बड़े सिक्योरिटी ऑफिसर, पत्रकार और अन्य लोग शामिल होते हैं। लेकिन यूक्रेन यात्रा के दौरान बाइडेन के साथ एक छोटी-सी टीम थी। यूक्रेन दौरे पर यात्रा के दौरान उनके इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स को भी बंद कर दिया गया था।
बेहद कम सिक्योरिटी के बीच किया सफर :
बेहद कम सिक्योरिटी के बीच जो बाइडेन के यूक्रेन दौरे से हर कोई हैरान है। कीव दौरे में बाइडेन के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन के अलावा डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ जेन ओमाल्ली डिलन और ओवल ऑफिस ऑपरेशन के डायरेक्टर एनी टॉमसिनी भी शामिल थे।
एयरफोर्स वन नहीं, इस विमान से किया सफर :
जो बाइडेन रविवार तड़के साढ़े 3 बजे के करीब अमेरिका से रवाना हुए। इसके लिए वे किसी बड़े एयरफ़ोर्स वन में नहीं, बल्कि वायु सेना के बोइंग सी-32 विमान में सवार थे। ये विमान आमतौर पर छोटे हवाई अड्डों की घरेलू यात्राओं के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस यात्रा के दौरान बाइडेन के साथ छोटी-सी मेडिकल टीम और व्हाइट हाउस के ऑफिशियल फोटोग्राफर थे।
बाइडेन ने किया 10 घंटे का ट्रेन सफर :
बता दें कि जो बाइडेन अमेरिका से प्लेन के जरिए सीधे पोलैंड की राजधानी वारसा पहुंचे। यहां करीब एक घंटे तक उन्होंने पोलैंड के प्रेसिडेंट से मुलाकात की। इसके बाद बाइडेन वारसा के रेलवे स्टेशन पहुंचे। यहां से ट्रेन के जरिए करीब 10 घंटे का सफर करके वो सुबह 8 बजे यूक्रेन की राजधानी कीव पहुंचे, जहां सबसे पहले राजदूत ब्रिजेट ब्रिंक ने उनका स्वागत किया।
ऐसे हुआ सीक्रेट टूर का अरेंजमेंट :
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन के मुताबिक, बाइडेन की यूक्रेन यात्रा का अरेंजमेंट करने के लिए व्हाइट हाउस और विभिन्न अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा संगठनों के शीर्ष अधिकारियों के एक ग्रुप ने कई महीनों तक गुप्त रूप से काम किया। यात्रा की प्लानिंग कर रहे सीनियर्स का मानना था कि यात्रा का समय क्लियर न होकर प्रतीकात्मक रखना चाहिए।
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