हिजबुल मुजाहिदीन का नंबर-3 कमांडर 'मोस्ट वांटेड टेरोरिस्ट' वशीर अहमद का पाकिस्तान में मर्डर, भारत ने आतंकवादी घोषित किया था

Published : Feb 21, 2023, 09:35 AM ISTUpdated : Feb 21, 2023, 09:54 AM IST
Hizbul Mujahideen launch commander Bashir Ahmad Peer killed

सार

जम्मू-कश्मीर में आतंक का पर्याय बना भारत का मोस्ट टेरोरिस्ट इम्तियाज आलम उर्फ बशीर अहमद पीर पाकिस्तान में मारा गया है। सोमवार(20 फरवरी) की शाम को रावलपिंडी में एक दुकान के बाहर अज्ञात हमलावर ने पीर को गोली मार दी, जिसमें उसकी की मौत हो गई।

नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर में आतंक का पर्याय बना भारत का मोस्ट टेरोरिस्ट इम्तियाज आलम उर्फ बशीर अहमद पीर पाकिस्तान में मारा गया है। सोमवार(20 फरवरी) की शाम को रावलपिंडी में एक दुकान के बाहर अज्ञात हमलावर ने पीर को गोली मार दी, जिसमें उसकी की मौत हो गई। इम्तियाज को पिछले साल 4 अक्टूबर को भारत सरकार ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत एक आतंकवादी के रूप में नामित किया था। मूल रूप से जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के बाबरपोरा इलाके का रहने वाला ​​इम्तियाज आलम इस समय पाकिस्तान के रावलपिंडी में रह रहा था।

केंद्र सरकार के नोटिफिकिशन में कहा गया था कि पीर हिज्ब-उल-मुजाहिदीन(हिजबुल), लश्कर-ए-तैयबा और अन्य की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए पूर्व-आतंकवादियों और अन्य कैडरों को एकजुट करने के लिए कई ऑनलाइन प्रोपेगंड ग्रुप में शामिल था। पीर पर 23 मई, 2019 को कश्मीर में अल-कायदा की ब्रांच अंसार गजवत-उल-हिंद के मुख्य कमांडर जाकिर मूसा को मारने का आरोप लगाया गया था। मई 2017 में, उसने पाकिस्तान समर्थक हिजबुल मुजाहिदीन छोड़ दिया और 'खिलाफत' की स्थापना करके शरिया कानूनों को लागू करने का आह्वान किया।

मार्च 2007 में, पाकिस्तानी आर्मी की इन्टेलिजेंस डायरेक्ट्रेट द्वारा पीर को हिरासत में लिया गया था, जब उसने अपने 'उत्तरी डिवीजन कमांडर' मोहम्मद शफी डार को मजबूत करने के लिए एक 12-मेन यूनिट भेजी थी। हालांकि, आईएसआई के आदेश पर उन्हें जल्द ही रिहा कर दिया गया।

अक्टूबर में जिन लोगों को आतंकवादी घोषित किया गया है, उनमें पाकिस्तानी नागरिक हबीबुल्लाह मलिक उर्फ साजिद जट, जम्मू कश्मीर के बारामूला का बासित अहमद रेशी, जम्मू कश्मीर के सोपोर का इम्तियाज अहमद कांडू उर्फ सजाद(ये सभी पाकिस्तान में रह रहे), जम्मू कश्मीर के पुंछ का जफर इकबाल उर्फ सलीम तथा पुलवामा का शेख जमील उर रहमान उर्फ शेख साहब शामिल थे।

इनके अलावा अन्य लोगों में पाकिस्तान में रह रहा श्रीनगर का बिलाल अहमद बेग उर्फ बाबर, पुंछ का रफीक नाई उर्फ सुल्तान, डोडा का इरशाद अहमद उर्फ इदरीश, कुपवाड़ा का बशीर अहमद पीर उर्फ इम्तियाज(जो मारा गया) और पाकिस्तान में रह रहा बारामूला का शौकत अहमद शेख उर्फ शौकत मोची शामिल थे।

हिज़बुल मुजाहिदीन का गठन अप्रैल, 1990 में किया गया था। यह एक अलगाववादी संगठन है। इसका गठन मुहम्मद एहसान डार ने किया था। 17 अक्टूबर 2016 को जम्मू-कश्मीर में ज़ाकिर मूसा को हिज़्बुल का नया कमांडर बनाया था। ये बुरहान वानी की मौत के बाद उसकी जगह नया कमांडर बनाया गया था। भारत के अलावा अमेरिका और यूरोपीय संघ ने इस संगठन को आतंकवादी माना है।

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