वर्ल्ड डेस्क। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव (US Presidential Election) होने को हैं। इससे पहले उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच बहस हुई है। कमला हैरिस डेमोक्रेटिक पार्टी और डोनाल्ड ट्रम्प रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार हैं।
बहस में हैरिस ने 2020 के चुनाव में मिली हार, 6 जनवरी को यूएस कैपिटल में हुए विद्रोह, गर्भपात, कोविड-19 से निपटने के तरीके को लेकर बार-बार ट्रंप पर निशाना साधा। आम सहमति है कि हैरिस ने ट्रम्प को बहस में हराया है। वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि बहस से मतदाता प्रभावित नहीं होंगे।
अमेरिका भर में संभावित मतदाताओं के न्यूयॉर्क टाइम्स/सिएना सर्वे में ट्रम्प को हैरिस से 48 से 47 प्रतिशत की बढ़त दिखाई गई है। यह जुलाई के अंत में किए गए इसी तरह के सर्वे के रिजल्ट की याद दिलाता है। अन्य सर्वे के अनुसार चुनाव का फैसला करने वाले सात राज्यों में हैरिस या तो ट्रम्प के साथ बराबरी की स्थिति में हैं या थोड़ा आगे हैं।
कमला हैरिस-डोनाल्ड ट्रम्प की बहस में क्या हुआ?
हैरिस ने 2020 में चुनाव में ट्रंप की हार, 6 जनवरी को यूएस कैपिटल में विद्रोह, गर्भपात, कोविड-19 से निपटने के उनके तरीके और उनकी रैलियों के आकार के बारे में निशाना साधा।
हैरिस ने कहा, "आप चुनाव हार गए थे। आपको 8.1 करोड़ लोगों ने निकाल दिया था।" हैरिस ने कहा कि उन्होंने उन विदेशी नेताओं से बात की है जो "डोनाल्ड ट्रम्प पर हंस रहे हैं"। सैन्य नेताओं से कहा है कि "वे कह रहे हैं कि आप अपमानजनक हैं।"
ट्रम्प ने एक बार फिर 2020 में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से हारने से इनकार किया। उन्होंने 6 जनवरी की घटना के लिए नैन्सी पेलोसी और वाशिंगटन मेयर पर दोष मढ़ने की कोशिश की। उन्होंने हैती के अप्रवासियों द्वारा पालतू जानवरों को खाने की झूठी अफवाहों को बढ़ावा दिया। इसपर बहस के संचालक ने कहा कि ऐसा नहीं हो रहा है।
कमला हैरिस या डोनाल्ड ट्रम्प, बहस में कौन जीता?
बहस के बाद आम सहमति से लग रहा है कि हैरिस ने ट्रम्प को हराया है। बहस के तुरंत बाद किए गए CNN/SSRS सर्वे में मतदाताओं के भारी बहुमत ने कहा कि हैरिस ने जीत हासिल की। सर्वे में शामिल 63 प्रतिशत लोगों ने कहा कि हैरिस विजेता बनकर उभरीं, जबकि केवल 37 प्रतिशत ने ट्रम्प के लिए ऐसा कहा।
क्या राष्ट्रपति चुनाव पर होगा बहस का असर?
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवारों के बीच बहस मायने रखती है। इससे मतदाताओं को यह तय करने में मदद मिलती है कि किसे वोट देना है। जून की बहस में बाइडेन ने खराब प्रदर्शन किया था। इसके चलते उन्होंने राष्ट्रपति पद की रेस से बाहर होने का फैसला किया।
राष्ट्रपति पद की रेस से बाइडेन के बाहर होने और कमला हैरिस के उम्मीदवार बनने से स्थिति पलट गई है। अब कोई भी सुरक्षित रूप से भविष्यवाणी नहीं कर सकता है कि चुनाव कौन जीतेगा।