
वाशिंगटन: अमेरिकी विदेश विभाग की 2025 की मानव तस्करी (TIP) रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की कम्युनिस्ट सरकार को एक बार फिर दुनिया के सबसे खराब मानव तस्करी करने वाले अपराधियों में गिना गया है। द एपोक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, चीन को टियर 3 में रखा गया है, जो सबसे निचली श्रेणी है। इसमें सरकार द्वारा जबरन मजदूरी कराने और मानव तस्करी को खत्म करने में कोई खास प्रगति न करने का हवाला दिया गया है।
रिपोर्ट में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) पर बड़े पैमाने पर जबरन मजदूरी की "नीति या पैटर्न" बनाए रखने का आरोप लगाया गया है, खासकर शिनजियांग में उइगरों और अन्य धार्मिक या जातीय अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। इस दस्तावेज़ में बड़े पैमाने पर बने डिटेंशन सेंटरों और सरकार द्वारा चलाए जा रहे री-एजुकेशन कैंपों का जिक्र है, जहाँ लाखों लोगों से "व्यावसायिक प्रशिक्षण" के नाम पर मजदूरी करवाई जाती है। रिपोर्ट में बीजिंग के बढ़ते transnational repression (देश के बाहर दमन) अभियान का भी पर्दाफाश किया गया है, जिसमें निगरानी, उत्पीड़न और धमकियों का इस्तेमाल करके विदेशों में रह रहे अल्पसंख्यकों को वापस देश लौटने पर मजबूर किया जाता है। ऐसे मामलों में वापसी पर अक्सर उन्हें हिरासत में ले लिया जाता है और जबरन मजदरी कराई जाती है।
2020 से एक कांग्रेसी आदेश के तहत, अमेरिकी सरकार को उन देशों की पहचान करनी होती है जहाँ तस्करी या सरकार-प्रायोजित जबरन मजदूरी जारी है। चीन तब से हर साल इस सूची में अफगानिस्तान, क्यूबा, इरिट्रिया, ईरान, उत्तर कोरिया, रूस और सीरिया जैसे देशों के साथ दिखाई देता है। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के आंकड़ों का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर में अनुमानित 39 लाख लोग वर्तमान में सरकारी नियंत्रण वाले क्षेत्रों में जबरन मजदूरी कर रहे हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने रिपोर्ट की अपनी लिखित प्रस्तावना में, सरकारों से मानव तस्करी से निपटने के लिए कड़े कदम उठाने और इस समस्या को नजरअंदाज करने वालों की जवाबदेही सुनिश्चित करने का आग्रह किया। रुबियो ने कहा, मानव तस्करी एक भयानक और विनाशकारी अपराध है जिससे आपराधिक उद्यमों और दमनकारी शासनों को फायदा होता है।
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