
वॉशिंगटन. अमेरिका ने एक बार फिर चीन को आड़े हाथों लिया है। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा, चीन से मुकाबले के लिए समान विचारधारा वाले देशों और संयुक्त राष्ट्र, नाटो जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को एक साथ आना चाहिए। उन्होंने कहा, अगर आज हमने चीन के सामने घुटने टेक दिए तो हमारी आने वाली पीढ़ियां उसकी दया पर निर्भर रहेंगी।
पोम्पियो ने चीन को चेतावनी दी कि वह समय की रणनीतिक वास्तविकताओं को ध्यान में रखकर अपनी परमाणु क्षमताओं को इसके अनुरूप रखे। यदि हम वक्त पर सावधान नहीं होते तो चीनी कम्युनिस्ट पार्टी हमारी स्वतंत्रता को नष्ट कर देगी। उस लोकतंत्र को नष्ट कर देगी, जिसे बनाने में हमारे समाजों को इतनी मेहनत करनी पड़ी।
हमेशा मनमानि नहीं चला सकते शी जिनपिंग
पोम्पियो ने कहा, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपने देश के अंदर और बाहर हमेशा मनमानी नहीं चला सकते। हम उन्हें इसकी अनुमति नहीं देते। पोम्पियो ने कहा, अमेरिका अकेले इस चुनौती का सामना नहीं कर सकता। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र, नाटो, जी 7, संयुक्त आर्थिक, राजनयिक और शैन्य शक्ति निश्चित तौर पर चुनौती का सामना करने में सक्षम है। लोकतंत्र का एक नया संगठन बनाने का वक्त आ गया है।
क्यों बंद किया चीन का दूतावास?
पोम्पियो ने बताया, ह्यूस्टन स्थित चीन का वाणिज्य दूतावास जासूसी और बौद्धिक संपदा को चोरी करने का केंद्र बन गया था। इसलिए इसे बंद करना पड़ा। उन्होंने कहा, हमने साउथ चाइना सी में अंतरराष्ट्रीय कानून को ध्यान में रखते हुए अगले 8 साल के लिए ध्यान केंद्रित किया है।
'चीन की सेना एक सामान्य सेना नहीं'
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एक सामान्य सेना नहीं है। इसका उद्देश्य चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं के पूर्ण शासन को बनाए रखना और चीनी साम्राज्य का विस्तार करना है। चीनी सेना चीन के नागरिकों की रक्षा के लिए नहीं है।
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