अमेरिकी चेतावनियों व प्रतिबंधों के बावजूद नार्थ कोरिया अपने परमाणु कार्यक्रमों को आगे बढ़ा रहा है। गुरुवार को किम जोंग प्रशासन ने अपने शक्तिशाली मिसाइलों का परीक्षण किया है।
वाशिंगटन। यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका (USA) ने गुरुवार को नार्थ कोरिया (North Korea)पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया। अमेरिका ने प्योंगयांग के नए आईसीबीएम मिसाइल परीक्षण के बाद रूस और उत्तर कोरिया में संस्थाओं और लोगों पर नए प्रतिबंधों की घोषणा की है। यूएस विदेश विभाग ने एक बयान में कहा कि टारगेटेड व्यक्तियों और संगठनों पर उत्तर कोरिया के मिसाइल कार्यक्रम में संवेदनशील वस्तुओं को स्थानांतरित करने का आरोप है।
क्या कहा अमेरिका ने...
उत्तर कोरिया के लिए आधिकारिक संक्षिप्त नाम का उपयोग करते हुए बयान में कहा गया है कि ये उपाय डीपीआरके की मिसाइल कार्यक्रम को आगे बढ़ाने की क्षमता को बाधित करने के हमारे चल रहे प्रयासों का हिस्सा हैं। यह परीक्षण विश्व मंच पर रूस की नकारात्मक भूमिका को उजागर करते हैं।
कोरिया ने किया सबसे शक्तिशाली मिसाइल का परीक्षण
प्योंगयांग ने 2017 के बाद से देश की सबसे शक्तिशाली मिसाइलों का परीक्षण गुरुवार को किया। ऐसा प्रतीत होता है कि परमाणु-सशस्त्र राष्ट्र द्वारा परीक्षण की गई किसी भी पिछली अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल की तुलना में नेक्स्ट लेवल का है। राज्य मीडिया ने बताया कि उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन (Kim Jong Un) ने अमेरिकी साम्राज्यवादियों के खिलाफ अपने न्यूक्लियर पॉवर को बढ़ावा देने के लिए देश के नए प्रकार के आईसीबीएम के परीक्षण-फायरिंग का व्यक्तिगत रूप से निरीक्षण किया।
रूस के इन लोगों और संस्थाओं पर प्रतिबंध
विदेश विभाग ने कहा कि वाशिंगटन ने जवाब में अर्डिस ग्रुप, पीएफके प्रोपोडशिपनिक नामक रूसी संस्थाओं और इगोर अलेक्जेंड्रोविच मिचुरिन नामक एक रूसी व्यक्ति पर प्रतिबंध लगाया है। इसके अलावा उत्तर कोरियाई नागरिक री सुंग चोल और एक उत्तर कोरियाई इकाई को भी प्रतिबंधित किया है, जिसे सेकेंड एकेडमी ऑफ नेचुरल साइंस फॉरेन अफेयर्स ब्यूरो कहा जाता है। हालांकि, इन लोगों और संस्थाओं के खिलाफ विशिष्ट आरोपों का विवरण नहीं दिया गया है। पिछले हफ्ते अमेरिकी ट्रेजरी ने उत्तर कोरिया के हथियार कार्यक्रम के समर्थन में दो रूसी व्यक्तियों और तीन संस्थाओं के खिलाफ प्रतिबंधों की घोषणा की।
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