Bangladesh में कट्टरपंथियों की मौज, सरकार के इस कदम से हिंदुओं पर बढ़ेगी हिंसा

Published : Aug 28, 2024, 10:31 PM IST
Bangladesh protest continue 20 leaders of Awami League died bsm

सार

शेख हसीना के तख्तापलट के बाद बनी अंतरिम सरकार ने जमात-ए-इस्लामी पर लगा बैन हटा दिया है। सरकार का कहना है कि जमात के खिलाफ आतंकी गतिविधियों के कोई सबूत नहीं मिले हैं। इस कदम से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं पर हमले बढ़ सकते हैं।

बांग्लादेश में शेख हसीना के तख्तापलट के बाद बनी अंतरिम सरकार ने चरमपथीं संगठन जमात-ए-इस्लामी पर लगा बैन हटा दिया है। बता दें कि शेख हसीना सरकार ने जमात-ए-इस्लामी की आतंकी गतिविधियों के चलते उस पर प्रतिबंध लगाया था। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने वहां की मुख्य कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी पर लगा बैन हटाते हुए कहा कि फिलहाल जमात-ए-इस्लामी के खिलाफ हमें कोई ऐसे सबूत नहीं मिले हैं, जिसके चलते उस पर लगा प्रतिबंध आगे भी रखा जाए। बता दें कि यूनुस सरकार के इस कदम से बांग्लादेश में रहने वाले अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हिंसा बढ़ेगी।

बांग्लादेश में चुनाव नहीं लड़ पा रही थी जमात-ए-इस्लामी

बता दें कि प्रतिबंध के बाद जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश में किसी भी चुनाव में हिस्सा नहीं ले पा रही थी। हालांकि, अब बैन हटने के बाद वो चुनाव लड़ सकेगी। मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने 28 अगस्त को एक नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहा- जमात-ए-इस्लामी और उसके सहयोगी संगठनों के आतंकी गतिविधियों में शामिल होने और हिंसा भड़काने जैसे कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं। ऐसे में इस तरह का बैन संविधान के खिलाफ है।

विकास की राह पर बढ़ रहे बांग्लादेश में फैली हिंसा के पीछे भी जमात

बता दें कि शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार में पिछले कुछ सालों से बांग्लादेश तरक्की की राह पर तेजी से बढ़ रहा था। ऐसे में बांग्लादेश को इस हाल में पहुंचाने के पीछे भी कहीं न कहीं जमात-ए-इस्लामी का ही हाथ है। इसके छात्र संगठन ICS (इस्लामिक छात्र शिविर) पर बांग्लादेश में अशांति फैलाने के आरोप लगे हैं। जमात-ए-इस्लामी पाकिस्तान समर्थित एक कट्टरपंथी संगठन है, जिसकी फंडिंग खुफिया एजेंसी ISI करती है।

शेख हसीना सरकार को गिराने के पीछे भी पाकिस्तान!

रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार का तख्तापलट कराने के पीछे भी कहीं न कहीं पाकिस्तान का हाथ है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI ने वहां इस्लामी छात्र शिविर के कई कार्यकर्ताओं को बांग्लादेश के अलग-अलग यूनिवर्सिटी में भर्ती कराया। इसके बाद ICS के लोगों ने छात्रों को भड़काया और धीरे-धीरे शेख हसीना के खिलाफ सड़कों पर उतरकर हिंसा का माहौल बना।

कब बना जमात-ए-इस्लामी

कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी की स्थापना 1975 में हुई थी। ये बांग्लादेश की सबसे बड़ी इस्लामिक पार्टियों में से एक है। ये संगठन शेख हसीना के पिता मुजीबुर्रहमान का भी विरोधी रहा है। बांग्लादेश में इसने पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी यानी BNP के साथ गठबंधन किया है।

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