Big News: ट्रंप के टैरिफ के बीच रूसी राष्ट्रपति पुतिन का भारत दौरा, अजीत डोभाल ने मॉस्को में क्या कहा?

Published : Aug 07, 2025, 03:20 PM ISTUpdated : Aug 07, 2025, 04:44 PM IST
ajit doval

सार

ट्रंप के टैरिफ के बीच रूसी राष्ट्रपति पुतिन का भारत दौरा, अजीत डोभाल ने मॉस्को में क्या कहा?

President Putin India visit: भारत पर अमेरिका द्वारा थोपे गए टैरिफ के बीच एक बड़ी सूचना सामने आई है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जल्द भारत दौरे पर आ सकते हैं। मॉस्को में भारत के एनएसए अजीत डोभाल ने बताया कि तारीखें लगभग फाइनल की जा चुकी हैं। जल्द ही इसका ऐलान किया जा सकता है।

अगस्त में पुतिन की यात्रा संभावित

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने गुरुवार को बताया कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जल्द ही भारत दौरे पर आएंगे। यात्रा की तारीखें अभी तय नहीं हुई हैं। हालांकि, इंटरफैक्स समाचार एजेंसी के अनुसार यह अगस्त के अंत में हो सकती है। यह यात्रा मॉस्को के साथ भारत के व्यापारिक संबंधों को लेकर अमेरिका द्वारा भारत पर बढ़ते टैरिफ़ खतरों के बीच हो रही है।

डोभाल ने कहा कि भारत और रूस के बीच एक विशेष, दीर्घकालिक रिश्ता है। हम इस रिश्ते को बहुत महत्व देते हैं। हमें राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा के बारे में जानकर खुशी है। मुझे लगता है कि तारीखें लगभग तय हो चुकी हैं।

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मास्को से आधिकारिक पुष्टि अभी शेष

रूस की ओर से इस दौरे पर कोई औपचारिक बयान जारी नहीं हुआ है लेकिन यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब भारत और अमेरिका के बीच रूस से तेल खरीद को लेकर तनाव चरम पर है।

ट्रंप की नई चेतावनी: भारत पर सेकेंडरी सैंक्शंस की तलवार

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को एक कार्यकारी आदेश (Executive Order) पर हस्ताक्षर करते हुए भारत से आयात पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने का ऐलान किया। ट्रंप का आरोप है कि भारत रूसी ऊर्जा खरीद कर यूक्रेन युद्ध को आगे बढ़ा रहा है जिससे भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता पटरी से उतर गई है। ट्रंप ने यह भी धमकी दी है कि अगर रूस ने शुक्रवार तक युद्ध विराम पर सहमति नहीं दी, तो रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर सेकेंडरी सैंक्शंस (Secondary Sanctions) लगाई जाएंगी।

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भारत-रूस व्यापार: रणनीतिक साझेदारी का मजबूत आधार

भारत और रूस के बीच व्यापारिक रिश्ते सोवियत युग से चले आ रहे हैं। पिछले चार वर्षों में, विशेषकर यूक्रेन युद्ध के बाद, भारत रूस से कच्चे तेल का सबसे बड़ा खरीदार बनकर उभरा है। मई 2023 तक भारत रोजाना दो मिलियन बैरल से अधिक कच्चा तेल रूस से खरीद रहा था जो उसके कुल तेल आयात का लगभग 45% था।

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