कौन है बलूच लिबरेशन आर्मी, चीनी नागरिकों पर क्यों कर रही हमले?

Published : Oct 07, 2024, 12:00 PM ISTUpdated : Oct 07, 2024, 12:02 PM IST
Karachi Airport

सार

कराची एयरपोर्ट के पास हुए एक आत्मघाती हमले में दो चीनी नागरिकों की मौत हो गई, जिसकी जिम्मेदारी बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने ली है। BLA चीन पर बलूचिस्तान के संसाधनों का शोषण करने का आरोप लगाता रहा है।

वर्ल्ड डेस्क। पाकिस्तान के कराची इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Karachi Airport) के पास हुए सुसाइड अटैक में चीन के दो नागरिकों की मौत हो गई। इस हमले की जिम्मेदारी BLA (बलूच लिबरेशन आर्मी) ने ली है। बलूच लिबरेशन आर्मी एक आतंकी संगठन है। इसने पहले भी पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर हमले किए हैं। 

बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत चीन पाकिस्तान में कई प्रोजेक्ट चला रहा है। बलूचिस्तान में ग्वादर नाम के बंदरगाह को विकसित कर रहा है। BLA का मानना है कि चीन बलूचिस्तान की संपत्ति को लूटकर ले जा रहा है। यही वजह है कि वह चीनी लोगों पर हमले कर रही है।

2000 में हुई थी बलूच लिबरेशन आर्मी की स्थापना

बीएलए की स्थापना 2000 में हुई थी। इसे अमेरिका और ब्रिटेन समेत कई पश्चिमी देशों ने आतंकी संगठन घोषित किया है। समूह का कहना है कि वह बलूच लोगों के अधिकारों के लिए और सरकार द्वारा प्रांत के शोषण के खिलाफ लड़ रहा है। इस संगठन का लक्ष्य बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग कर आजाद देश बनाना है। पाकिस्तान ने BLA को 2006 में ‘आतंकवादी समूह’ घोषित किया था और इस पर प्रतिबंध लगा दिया था।

पाकिस्तान का सबसे बड़ा, लेकिन सबसे पिछड़ा राज्य है बलूचिस्तान
बलूचिस्तान आकार के हिसाब से पाकिस्तान का सबसे बड़ा राज्य है। यहां की आबादी कम है। प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध होने के बाद भी यह पाकिस्तान का सबसे पिछड़ा राज्य है। पाकिस्तान की सरकार यहां के खनिज भंडार से होने वाली आमदनी का इस्तेमाल पंजाब और सिंध जैसे राज्यों के विकास में करती है। इसके चलते बलूचिस्तान में सरकार के खिलाफ गुस्सा है। 1947 में अस्तित्व में आने के बाद पाकिस्तान ने बल पूर्वक बलूचिस्तान पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद से यहां आजादी की लड़ाई चल रही है। पाकिस्तान की सेना बेरहमी से बलूचिस्तान के लोगों को कुचलती रही है।

KGB एजेंट की मदद से हुआ था बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी का गठन

BLA की स्थापना 2000 में हुई थी। यह पहले के बलूच विद्रोही समूहों विशेष रूप से 1973-1977 के स्वतंत्र बलूचिस्तान आंदोलन का पुनरुत्थान माना जाता है। समूह के गठन में दो पूर्व KGB एजेंट शामिल थे। इन्हें 'मिशा' और 'साशा' नाम से जाना जाता था।

BLA को क्यों है चीनी लोगों से नफरत?
BLA पाकिस्तान के कई जातीय विद्रोही समूहों में सबसे बड़ा है। यह संगठन पाकिस्तानी सरकार का विरोध करता है और आजाद देश चाहता है, जिसमें पाकिस्तान, ईरान और अफगानिस्तान के क्षेत्र शामिल हों।

चीन बलूचिस्तान में सोने और तांबे की खदान चलाता है। वह अरब सागर के किनारे स्थित ग्वादर पोर्ट को विकसित कर रहा है। BLA का मानना है कि चीन बलूचिस्तान का शोषण करने में पाकिस्तान सरकार की मदद कर रहा है। इसके चलते वह चीन के लोगों पर हमले करता है।

यह भी पढ़ें- कराची एयरपोर्ट के पास सुसाइड अटैक, 2 लोगों की मौत पर चीन ने कही कड़ी बात

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