पाकिस्तान बर्बादी की कगार पर पहुंच चुका है। तंगहाली के बीच पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद बुरी खबर है। वहां के सबसे बड़े स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान का कहना है कि हमारा विदेशी मुद्रा भंडार 3.01 बिलियन डॉलर रह गया है। ये 2014 के बाद सबसे कम है।
Pakistan Foreign Reserve: पाकिस्तान बर्बादी की कगार पर पहुंच चुका है। तंगहाली के बीच पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए एक बेहद बुरी खबर है। वहां के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान का कहना है कि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार नीचे गिर रहा है। यहां तक कि विदेशी कर्ज की भरपाई के चलते पिछले हफ्ते 27 जनवरी तक ये 593 मिलियन डॉलर घटकर अब सिर्फ 3.1 बिलियन डॉलर रह गया है। पिछले 9 सालों में यानी 2014 के बाद ये सबसे कम है। यानी पाकिस्तान अब चंद दिनों तक ही अपनी जरूरत की चीजें आयात कर सकता है। आखिर क्या है विदेशी मुद्रा भंडार, किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए ये क्यों इतना अहम है, आइए जानते हैं।
क्या होता है विदेशी मुद्रा भंडार?
विदेशी मुद्रा भंडार किसी भी देश के लिए एक तरह से बैकअप या इमरजेंसी फंड होता है, जो कि केंद्रीय बैंक के पास रखा जाता है। इसमें नगदी, बॉन्ड, सोना या अन्य परिसंपत्तियां शामिल होती हैं। इतना ही नहीं, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जमा राशि भी विदेशी मुद्रा भंडार का हिस्सा होती है। किसी भी देश की आर्थिक स्थिति खराब होने पर वो विदेशी मुद्रा भंडार के जरिए अपनी देनदारियों का भुगतान कर सकता है। विदेशी मुद्रा भंडार ज्यादातर अमेरिकी डॉलर में रखा जाता है, क्योंकि यह पूरी दुनिया में सबसे प्रचलित मुद्रा है।
क्यों जरूरी है मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार?
- विदेशी मुद्रा भंडार आपात स्थिति में किसी भी देश के लिए बेहद जरूरी है। अर्थव्यवस्था के बदहाल हाने पर यह उस देश को संकट से उबारने में मदद करता है।
- किसी भी देश का विदेशी मुद्रा भंडार उस देश के आयात बिल को कुछ सालों तक संभालने में मदद कर सकता है। हालांकि, ये उसकी क्षमता पर निर्भर करता है कि उस देश का विदेशी मुद्रा भंडार कितना बड़ा है।
- विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी से डॉलर के मुकाबले उस देश की मुद्रा को मजबूत करने में मदद मिलती है। लेकिन अगर ये घटता है तो साथ-साथ मुद्रा की वैल्यू भी कमजोर हो जाती है।
किस देश के पास सबसे ज्यादा विदेशी मुद्रा भंडार?
वर्तमान में चीन के पास सबसे ज्यादा विदेशी मुद्रा भंडार है। दिसंबर, 2022 तक चीन का विदेशी मुद्रा भंडार 3306 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। यह दुनिया के कुल विदेशी मुद्रा भंडार का करीब 30% है। इसके बाद दूसरे नंबर पर जापान 1227 बिलियन डॉलर, स्विट्जरलैंड 885 बिलियन डॉलर, रूस 597 बिलियन डॉलर और भारत 576 बिलियन डॉलर हैं।
डॉलर के मुकाबले 271 पर पहुंचा पाकिस्तानी रुपया :
विदेशी मुद्रा भंडार घटने से पाकिस्तान की मुद्रा में भी गिरावट जारी है। फिलहाल 1 डॉलर के मुकाबले पाकिस्तान रुपए की कीमत 271 रुपए पहुंच गई है। वहीं, भारतीय रुपए की कीमत 82 रुपए के आसपास चल रही है। जनवरी, 2023 से लेकर अब तक पाकिस्तानी रुपया करीब 45% तक गिर चुका है।
पाकिस्तान को अब IMF का सहारा :
तंगहाली से जूझ रहे पाकिस्तान को अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF से मदद की जरूरत है। आईएमएफ वित्तीय संकट से जूझ रहे देशों को उबरने में मदद करता है। नगदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को अब बेलआउट पैकेज की जरूरत है। यही वजह है कि पाकिस्तान किसी भी हाल में IMF को मनाने में लगा हुआ है, ताकि वो उसकी मदद करे। हालांकि, आईएमएफ तभी पाकिस्तान की मदद करेगा, जब वो उसकी सभी शर्तें मानने के लिए तैयार हो। लेकिन पाकिस्तान के पास इसके अलावा कोई दूसरा विकल्प है भी नहीं।
पाकिस्तान के सामने IMF ने रखी ये शर्तें :
पाकिस्तान को बेलआउट पैकेज जारी करने से पहले आईएमएफ ने उसके सामने कुछ शर्तें रखी हैं। अगर वो इन्हें मानता है, तभी 1.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर की पहली किश्त जारी की जाएगी। इन शर्तों में बिजली सब्सिडी को खत्म करना, गैस टैरिफ को रेगुलर करना, बाजार द्वारा निर्धारित एक्सचेंज रेट को लागू करना आदि शामिल हैं।
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