रूस ने यूक्रेन के पूर्वी शहर बखमुत पर नियंत्रण करने का दावा किया है। हालांकि, यूक्रेन की उप रक्षा मंत्री हन्ना मलियार ने इस दावे को नकार दिया है।
क्रेमलिन: रूस ने दावा किया है कि उसने यूक्रेन के पूर्वी शहर बखमुत पर नियंत्रण कर लिया है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कथित सफलता के लिए अपने सैनिकों और प्राइवेट मार्केनरी ग्रुप वैगनर की सरहाना की है। वैगनर आर्मी के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन ने कहा है कि बखमुत पर कब्जा करने के लिए उन्होंने यूक्रेन में 224 दिन तक ऑपरेशन चलाया।
हालांकि, यूक्रेन की उप रक्षा मंत्री हन्ना मलियार ने इससे इनकार किया है। उन्होंने कहा है कि बखमुत में लड़ाई जारी है। यहां स्थिति गंभीर बनी हुई है। अभी तक क्षेत्र में यूक्रीने सेना का कब्जा बना हुआ है।इस बीच पुतिन से बधाई मिलने के बाद वैगनर ग्रुप एक बार फिर वैश्विक सुर्खियों में आ गया है। दुनियाभर में लोग जानने की कोशिश कर रहे हैं आखिर वैगनर ग्रुप क्या है और यह कैसे काम करता है?
वैगनर ग्रुप क्या है?
बता दें कि वैगनर एक निजी सैन्य कंपनी है जिसका काम रूस के सैन्य उद्देश्यों और प्रयासों को आगे बढ़ाना है। यह ग्रुप रूस को सशस्त्र युद्ध सहित सैन्य सेवाएं प्रदान करता है। अब तक यह यूक्रेन, लीबिया, मोजाम्बिक, सूडान सहित कई संघर्ष क्षेत्रों में जंग लड़ चुका है।
रूस ने किया वैगनर ग्रुप से संबंधों से इनकार
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक वैगनर आर्मी कैदियों को मारने से लेकर अन्य वार क्राइम तक अपनी क्रूरता के लिए कुख्यात है। हालांकि, वैगनर ग्रुप लंबे समय तक किसी भी सैन्य गतिविधि का हिस्सा लेने से इनकार किया है। वहीं, रूस ने भी वैगनर से किसी भी तरह के संबंध होने से इनकार किया था।
जनवरी 2023 में यूके के रक्षा मंत्रालय ने एक रिपोर्ट पेश की थी। इसमें कहा गया था कि रूस के यूक्रेन पर आक्रमण में वैगनर एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी है। वैगनर यूक्रेन में लगभग 50,000 लड़ाकू विमानों की कमान संभाल रहा है। यह यूक्रेन में जारी युद्ध का अहम कंपोनेंट है।
रूस और वैगनर ग्रुप के बीच संबंध उजागर
व्लादिमीर पुतिन द्वारा बधाई देने के बाद रूस और वैगनर ग्रुप के बीच संबंध उजागर हो गए हैं। बता दें कि बखमुत के कथित कब्जे के बाद, TASS समाचार एजेंसी ने क्रेमलिन के एक बयान के हवाले से कहा था, “व्लादिमीर पुतिन ने वैगनर की हमला करने वाली यूनिट के साथ-साथ रूसी सशस्त्र बलों के सभी सैनिकों को बधाई दी है, जिन्होंने उन्हें आवश्यक समर्थन और फ्लैंक कवर प्रदान किया।”
कितना लेते हैं वेतन?
प्राइवेट आर्मी को भाड़े पर लेने वाले देशों को भारी कीमत भी चुकानी पड़ती है। टाइम्स की ही एक रिपोर्ट के अनुसार यूक्रेन युद्ध में लड़ने के लिए ऐसे एक लड़ाके को प्रति दिन 2000 अमेरिकी डॉलर ( लगभग एक लाख 63 हजार रुपए) का ऑफर दिया गया था। वहीं, कई मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक इसे कमांडर को एक महीने से कम की सर्विस के लिए 5 लाख डॉलर (लगभग 4 करोड़ रुपए) दिए जाते हैं। हालांकि, वैगनर ग्रुप अपने लड़ाकों को कितना धन देता है इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
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