
Who is Arzoo Kazmi: अपने बेबाक अंदाज के लिए मशहूर पाकिस्तान की पत्रकार आरजू काजमी ने दावा किया है कि उनका बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिया गया है। आरजू ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान की शाहबाज शरीफ सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। वीडियो में आरजू कहती हैं कि पाकिस्तान में रहकर सच्ची पत्रकारिता आसान काम नहीं है और मुझे इसी की सजा दी जा रही है। आरजू ने ये भी बताया कि पाकिस्तान की फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (FIA) की ओर से उन्हें चिट्ठी भी मिली है।
आरजू काजमी ने वीडियो में कहा- मुझे फोन करके धमकियां दी जा रही हैं। साथ ही सोशल मीडिया पर भी धमकाया जा रहा है। मेरा कैरेक्टर असेसिनेशन करने की कोशिश की गई। आज यानी 8 अप्रैल को मैं अपने बैंक अकाउंट से कुछ पैसे निकालना चाहती थी, लेकिन पता चला कि मेरे बैंक अकाउंट के साथ ही मेरा ID कार्ड, पासपोर्ट FIA और पाकिस्तान की एजेंसियों ने ब्लॉक कर दिया है।
वीडियो में आरजू काजमी कहती हैं- आपकी सभी चीजें ब्लॉक हैं। आप कहीं बाहर नहीं जा सकतीं, ना ही खाते से पैसे निकाल सकती हैं। इसके बाद मुझे एक नंबर देते हुए कहा गया कि ये FIA का नंबर है। आप इस पर कॉन्टैक्ट करें। वहीं आपको बताएंगे कि क्या करना है। जब मैंने उस नंबर पर एक के बाद एक कई बार संपर्क करने की कोशिश की तो वो लगातार बंद आ रहा है। मुझे जानबूझकर वो बंद नंबर दिया गया। ताकि लोगों को ये बताया जा सके कि मैंने कॉन्टैक्ट किया ही नहीं और इस तरह से मुझे अरेस्ट करने में आसानी हो।
आरजू काजमी ने कहा- पाकिस्तान में रहते हुए सच्ची पत्रकारिता करना बेहद कठिन काम है। क्योंकि यहां जिस तरह जर्नलिज्म को दबाया और डराया जा रहा है, उसके बारे में तमाम दुनिया जानती है। अब सुनने में ये भी आ रहा है कि मुझे गिरफ्तार करने की भी तैयारी की जा रही है। बहरहाल, मैं डरनेवालों में से नहीं हूं। चाहे ये मुझे अरेस्ट करें, जितना मर्जी टॉर्चर करें लेकिन मैं उनमें से नहीं हूं, जिसे डरा-धमकाकर ये लोग अपनी बात मनवा लेंगे। मैं अपने तमाम दोस्तों और फॉलोअर्स से उम्मीद करती हूं कि मेरे वीडियो को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं ताकि लोगों को पता चले कि पाकिस्तान में किस तरह पत्रकारों को दबाया जाता है। यहां जर्नलिज्म को क्राइम समझा जाता है। मुझे उम्मीद है कि आप लोग मेरी आवाज जरूर बनेंगे।
44 साल की आरजू काजमी का जन्म 1980 में पाकिस्तान के इस्लामाबाद में हुआ। उनकी पढ़ाई कराची के ट्रिनिटी मेथोडिस्ट हाई स्कूल से हुई। बाद में उन्होंने पाकिस्तान की पंजाब यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में ग्रैजुएट और मास्टर कम्प्लीट की। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत प्रिंट मीडिया से निहाओ-सलाम पत्रिका की सह-संपादक के रूप में की। बाद में डिजिटल मीडिया में आ गईं। आरजू काजमी की जड़ें भारत के प्रयागराज से जुड़ती हैं। 1947 में विभाजन के दौरान उनकी फैमिली पाकिस्तान चली गई थी।
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