कौन हैं मारिया टेलकेस जिन्हें गूगल ने Doodle बनाकर किया याद, आखिर क्यों 'सन क्वीन' के नाम से हुईं मशहूर

गूगल अक्सर दुनियाभर की महान हस्तियों को डूडल बनाकर सम्मानित करता है। इसी कड़ी में 12 गूगल ने 12 दिसंबर, 2022 को सोलर एनर्जी साइंटिस्ट मारिया टेलकेस (Maria Telkes) के 122वें बर्थडे पर डूडल बनाकर उन्हें सम्मानित किया है।

Google Doodle Maria Telkes: गूगल अक्सर दुनियाभर की महान हस्तियों को डूडल बनाकर सम्मानित करता है। इसी कड़ी में 12 गूगल ने 12 दिसंबर, 2022 को सोलर एनर्जी साइंटिस्ट मारिया टेलकेस (Maria Telkes) के 122वें बर्थडे पर डूडल बनाकर उन्हें सम्मानित किया है। मारिया टेलकेस को सोलर एनर्जी के फील्ड में उनकी उपलब्धियों के चलते उन्हें 'द सन क्वीन' (The Sun Queen) भी कहा जाता है। 

कौन हैं मारिया टेलकेस?
हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में 12 दिसंबर, 1900 में पैदा हुईं मारिया टेलकेस (Maria Telkes) बायोफिजिस्ट और साइंटिस्ट थीं। उन्होंने सोलर एनर्जी की दिशा में बहुत काम किया। मारिया टेलकेस ने 1920 में बुडापेस्ट यूनिवर्सिटी में फिजिकल केमेस्ट्री की पढ़ाई करते हुए 1924 में इसमें पर पीएचडी हासिल की।

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सौर ऊर्जा को इकट्ठा करने की दिशा में किया काम : 
1925 में मारिया टेलकेस अमेरिका चली गईं, जहां उन्होंने मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में सौर ऊर्जा के व्यवहारिक प्रयोगों पर फोकस किया। यहां उन्होंने एक विधि बनाई, जिसमें सूर्य से ऊर्जा को इकट्ठा करने के लिए सोडियम सल्फेट का उपयोग किया गया। सौर ऊर्जा अनुसंधान की दुनिया में पहली बार उन्होंने 1939 में कदम रखा था। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, मारिया ने एक सोलर डिस्टिलेशन डिवाइस बनाई, जो सेना की आपातकालीन चिकित्सा किट में शामिल था और इससे कई सैनिकों की जान बचाई। दरअसल, यह उपकरण समुद्री जल को ताजे पानी में बदल देता था। 

आखिर क्यों 'द सन क्वीन' के नाम से मशहूर हुईं मारिया : 
1948 में मारिया ने आर्किटेक्ट एलेनोर रेमंड के साथ मिलकर एक ऐसी तकनीक विकसित की, जो सूर्य की रोशनी से पैदा होने वाली गर्मी से दीवारों को गर्म रख सकती थी। इसके बाद उन्होंने एक ओवन तैयार किया, जो सैर ऊर्जा से चल सकता था। सौर ऊर्जा स जुड़े ऐसे ही आविष्कारों की वजह से वे 'द सन क्वीन' के नाम से मशहूर हो गईं। 

कई अवॉर्ड्स से हुईं सम्मानित :  
1952 में मारिया टेलकेस को 'द सोसाइटी ऑफ वुमेन इंजीनियर्स अचीवमेंट अवॉर्ड' से नवाजा गया था। 1977 में उन्हें नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज बिल्डिंग रिसर्च एडवाइजरी बोर्ड की ओर से लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह अवॉर्ड सोलर हीटेड बिल्डिंग तकनीक के लिए था, जिसके लिए उन्होंने अपना काफी समय दिया था।

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