
Mark Carney next PM of Canada: मार्क कार्नी कनाडा के अगले प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। वह जस्टिन ट्रूडो की जगह लेंगे। उन्होंने 85.9% वोट पाकर लिबरल पार्टी के नेता बने हैं। कार्नी पूर्व केंद्रीय बैंकर हैं। उनके सामने आगामी आम चुनावों में अपनी पार्टी का नेतृत्व करने की चुनौती है। इसके साथ ही उन्हें अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ से पैदा हो रही चुनौतियों को भी सामना करना होगा। ट्रंप के सत्ता में आने के बाद से कनाडा और अमेरिका के रिश्ते खराब हुए हैं।
59 साल के मार्क कार्नी का जन्म कनाडा के नॉर्थवेस्ट टेरिटरीज के फोर्ट स्मिथ में हुआ था। वह अल्बर्टा के एडमॉन्टन में पले-बढ़े। उनकी पेशेवर पृष्ठभूमि पारंपरिक राजनीति से बहुत दूर है। उन्होंने हार्वर्ड और ऑक्सफोर्ड में पढ़ाई की है। कार्नी ने गोल्डमैन सैक्स में काम किया है। इसके साथ ही बैंक ऑफ कनाडा के गवर्नर भी रहे हैं। इस पद पर रहते हुए उन्होंने 2008 के वित्तीय संकट के दौरान कनाडा का नेतृत्व किया। वह बैंक ऑफ इंग्लैंड के पहले गैर-ब्रिटिश प्रमुख थे। उन्होंने ब्रेक्सिट के बाद की आर्थिक उथल-पुथल के दौरान यूके का मार्गदर्शन किया था। मार्क कार्नी ने कभी चुनाव नहीं लड़ा है। उन्होंने कभी निर्वाचित पद नहीं संभाला है।
मार्क कार्नी ऐसे समय में कनाडा के पीएम बनने जा रहे हैं जब उनका देश कई मुश्किलों में फंसा है। कनाडा के अमेरिका के साथ संबंध खराब हुए हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने कई बार जस्टिन ट्रूडो को लेकर कड़ी बातें कहीं हैं। उन्होंने कनाडा से आयात होने वाले सामानों पर भारी-भरकम टैरिफ लगाया है। इसका असर कनाडा की आर्थिक स्थिति पर पड़ रहा है।
कनाडा में आम चुनाव होने हैं। लोकप्रियता कम होने के चलते ट्रूडो को पीएम पद छोड़ने की घोषणा करनी पड़ी। पियरे पोलिएवर के नेतृत्व वाले कंजर्वेटिव्स पार्टी की लोकप्रियता बढ़ रही है। हाल के सर्वे से पता चला है कि कनाडा के 34% लोग सत्ताधारी पार्टी लिबरल्स को पसंद करते हैं। वहीं, 37% लोग विपक्षी कंजर्वेटिव्स पार्टी को पसंद कर रहे हैं।
जस्टिन ट्रूडो ने सत्ता में रहते हुए भारत के साथ कनाडा के संबंध को बेहद खराब किया है। सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर ट्रूडो ने भारत सरकार पर आरोप लगाए। इसके बाद दोनों देशों के रिश्ते निचले स्तर पर पहुंच गए हैं। अब भारत के लोगों की नजर मार्क कार्नी पर है। लोग उत्सुकता से इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि भारत के साथ संबंधों को लेकर उनका रुख क्या होगा।
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