कौन है ये 'निर्दयी' कमांडर जिस पर खुद से ज्यादा भरोसा करते हैं पुतिन, इंसानी जानों की जरा भी नहीं करता परवाह

रूस-यूक्रेन के बीच पिछले 7 महीने से चल रहा युद्ध अब खतरनाक होता जा रहा है। पहले की तुलना में रूस के ज्यादा उग्र होने की एक वजह पुतिन के सबसे भरोसेमंद कमांडर सर्गेई सुरोविकिन भी हैं। आखिर कौन हैं सुरोविकिन और क्यों उन्हें कहा जाता है सबसे निर्दयी कमांडर, आइए जानते हैं।

Asianet News Hindi | Published : Oct 12, 2022 3:45 PM IST

Russian Commonder Sergey Surovikin: रूस-यूक्रेन के बीच पिछले 7 महीने से चल रहा युद्ध अब खतरनाक होता जा रहा है। क्रीमिया ब्रिज पर हमले के बाद से ही रूस बुरी तरह बौखलाया हुआ है और यही वजह है कि उसने एक ही दिन में यूक्रेन की राजधानी कीव पर 83 मिसाइलें दागीं। पहले की तुलना में रूस के ज्यादा उग्र होने की एक वजह पुतिन के सबसे भरोसेमंद कमांडर सर्गेई सुरोविकिन भी हैं। सर्गेई सुरोविकिन वही हैं, जिन्होंने सीरिया में लड़ाकू मिशन पर काम करते हुए लाशों की झड़ी लगा दी थी। उन्हें दुनिया का सबसे क्रूर कमांडर भी कहा जाता है। 

महीनेभर पहले ही बने ओवरऑल कमांडर : 
सर्गेई सुरोविकिन को रूसी रक्षा मंत्रालय ने 8 सितंबर को रूसी सेना के ओवरऑल कमांडर के रूप में नियुक्त किया है। 55 साल के जनरल सर्गेई सुरोविकिन ओवरऑल कमांडर बनने से पहले रूसी एयरफोर्स की कमान संभाल रहे थे। पुतिन ने नए जनरल को ऐसे समय में नियुक्त किया है, जब यूक्रेनी सेनाएं रूस पर भारी पड़ती नजर आ रही थीं। 

कौन हैं सर्गेई सुरोविकिन?
सुरोविकिन का जन्म 11 अक्टूबर 1966 को साइबेरिया के नोवोसिबिर्स्क शहर में हुआ था। सुरोविकिन की पैदाइश उस वक्त हुई, जब रूस सोवियत संघ कहलाता था। 1987 में सुरोविकिन सोवियत सेना में शामिल हुए। सुरोविकिन 2004 में चेचेन्या में इस्लामिक अलगाववादियों के खिलाफ रूसी सैन्य कार्रवाई में भी शामिल थे। 2013 से 2017 के दौरान सुरोविकिन ईस्टर्न मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के कमांडर थे। 

क्यों निर्दयी कमांडर कहलाते हैं सुरोविकिन?
- 2017 में सर्गेई सुरोविकिन सीरिया के तानाशाह बशर अल असद की मदद के लिए चलाए गए रूसी सैन्य अभियान का हिस्सा थे। इस दौरान उन्होंने सीरिया में असद के विद्रोहियों की लाशों के ढेर लगा दिए थे। 
- सीरियाई विद्रोहियों के खिलाफ चलाए गए रूसी सेना के ऑपरेशन में सुरोविकिन ने असद के दुश्मनों को नाको चने चबवा दिए थे। यही वजह थी कि उन्हें 2017 में हीरो ऑफ द रशियन फेडरेन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।
- 2017 में सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद की मदद के लिए रूसी सेना की कमान संभालने वाले सुरोविकिन ने न सिर्फ विद्रोही गुटों को ठिकाने लगाया बल्कि आम जनता को भी नहीं बख्शा। 
- सुरोविकिन ने सीरिया के अलेप्पो में इतने बम गिराए कि पूरा शहर खंडहर में बदल गया। 2019 में भी सुरोविकिन ने सीरिया के इदलिब शहर पर जमकर बमबारी की, जिसमें बेगुनाह लोगों की लाशों के ढेर लग गए थे। 

इंसानी जानों की जरा भी परवाह नहीं : 
सर्गेई सुरोविकिन के साथ काम कर चुके रूसी रक्षा मंत्रालय के एक पूर्व ऑफिसर के मुताबिक, 10 अक्टूबर को यूक्रेन की राजधानी कीव में हुए मिसाइल हमले से वो जरा भी हैरत में नहीं हैं, क्योंकि सुरोविकिन इंसानी जानों की जरा भी परवाह नहीं करते हैं। अब उन्हें इस बात का भी डर है कि सुरोविकिन के हाथ कहीं पूरी तरह यूक्रेन की बेगुनाह जनता के खून से न सन जाएं।

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