
वर्ल्ड डेस्क। द ग्लोब एंड मेल की रिपोर्ट के अनुसार कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) सोमवार को लिबरल पार्टी के नेता पद से इस्तीफा देंगे। वह कनाडा के पीएम का पद भी छोड़ेंगे। यह अभी साफ नहीं है कि ट्रूडो नए नेता के चुने जाने तक प्रधानमंत्री पद पर बने रहेंगे या नहीं। कई सप्ताह से उनके इस्तीफे की मांग की जा रही थी। उन्होंने पहले कहा था कि पद नहीं छोड़ेंगे। आइए जानते हैं किन वजहों से वह ऐसा फैसला लेने को विवश हुए हैं।
जस्टिन ट्रूडो की लोकप्रियता पिछले कुछ समय में काफी कम हुई है। कनाडा में इस साल चुनाव होने वाले हैं। जस्टिन ट्रूडो और लिबरल पार्टी अधिकांश जनमत सर्वेक्षणों में पियरे पोलिएवर के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव पार्टी से पीछे चल रही है। 31 दिसंबर को जारी नैनोस रिसर्च के सर्वे से पता चला कि कंजर्वेटिव पार्टी सत्तारूढ़ पार्टी के मुकाबले 26 अंकों से आगे है। सर्वेक्षण में कंजर्वेटिव पार्टी को 46.6% समर्थन दिखाया गया है।
जस्टिन ट्रूडो को अपनी लिबरल पार्टी के भीतर भी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। उनपर पद छोड़ने का दबाव है। उनके इस्तीफे की रिपोर्ट इसी आंतरिक दबाव के बीच आई है। ज्यादातर लिबरल सांसदों ने ट्रूडो से कहा था कि उन्हें पद छोड़ना होगा। ट्रूडो के साथ नीतिगत असहमति के कारण वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड के हाल ही में इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद ट्रूडो के इस्तीफे की मांग तेज हो गई थी।
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प की जीत मिलने के बाद जस्टिन ट्रूडो की परेशानी बढ़ गई थी। ट्रम्प का ट्रूडो को लेकर कड़ा रुख रहा है। ट्रम्प 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद का कार्यभार ग्रहण करने वाले हैं। उन्होंने जस्टिन ट्रूडो को अमेरिका के 51वें राज्य का गवर्नर बताया था। इसके साथ ही कनाडा को अधिग्रहित करने का संकेत दिया था। ट्रम्प ने सभी कनाडाई उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाने के इरादे जाहिर किए हैं।
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