खतरे की घंटी: 45 km रफ्तार से फैल रहा है दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान, लोगों की जिंदगी हो जाएगी मुश्किल

Published : May 01, 2023, 11:48 AM ISTUpdated : May 01, 2023, 03:36 PM IST
sahara desert

सार

वैज्ञानिकों के मुताबिक सहारा डेजर्ट (Sahara Desert) हर साल लगभग 45 किलोमीटर की रफ्तार से फैल रहा है। वैज्ञानिकों के मुताबिक यह एक सदी के भीतर लगभग 10 प्रतिशत तक बड़ा हो गया है। 

Sahara Desert Expanding: दुनियाभर में ग्लोबल वार्मिंग चिंता जताई जा रही है। इस बीच जानकारी मिली है कि अब रेगिस्तान का साइज भी बढ़ने लगा है। वैज्ञानिकों के मुताबिक सहारा डेजर्ट (Sahara Desert) हर साल लगभग 45 किलोमीटर की रफ्तार से फैल रहा है। ऐसे में अगर रेगिस्तान इसी रफ्तार से बढ़ते रहे तो दुनिया में उपजाऊ जमीन (Cultivate land) कम और रेगिस्तान ज्यादा हो जाएंगे और लोगों की जिंदगी मुश्किल हो जाएगी.

बता दें कि जिस जगह पेड़-पौधे कम होते जाते हैं, तो उनकी जगह चट्टानें और बंजर जमीन ले लेती है। इसके बाद यहां धीरे-धीरे रेत जमना शुरू हो जाकती है और फिर यह रेगिस्तान में तब्दील हो जाती है।गौरतलब है कि पेड़-पौधों की कमी और बंजर जमीन होने के कारण ऐसी जगहों पर बारिश कम होने लगती है। वैज्ञानिकों के मुताबिक जिस इलाके में साल में 25 सेंटीमीटर से कम बारिश दर्ज होती है, उसे रेगिस्तान मान लिया जाता है। ऐसे स्थानों पर सालभर में एक निश्चित बारिश होती है।

यूरोप महाद्वीप के बराबर है सहारा डिजर्ट

उल्लेखनीय है कि सहारा रेगिस्तान में 90 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला डिजर्ट लगभग पूरे यूरोप महाद्वीप (continent of Europe) के बराबर है। यह लगभग 10 देशों में फैला हुआ है। इनमें से ज्यादातर हिस्सा में इंसान तो क्या जीव-जंतु भी न रह सकते। यहां दिन में भयंकर गर्मी होती है और रात में बेहद ठंड पड़ने लगती है।

क्या आप जानते हैं कि आज जहां रेगिस्तान नजर आता हैं वहा कभी जंगल हुआ करते थे? वैज्ञानिकों के मुताबिक आज से लगभग 6 हजार साल पहले यहां जंगल हुआ करते थे। इसका ज्यादा हिस्सा झीलों और पेड़-पौधों से भरा हुआ था। ऐसे में यहां जीवन भी रहा होगा। बता दें कि साल 2005-2006 के बीच वैज्ञानिकों को यहां कई कब्रों का पता चला। साथ ही कुछ पशुओं और पानी में रहने वाले जीवों के भी अवशेष मिले।

लगातार फैल रहा है रेगिस्तान

सहारा डेजर्ट को लेकर वैज्ञानिकों ने कई अध्ययन किए हैं, जिनके मुताबिक रेतीली जमीन तेजी से फैल रही है। इस बात का पता उस समय चला जब नेशनल साइंस फाउंडेशन (National Science Foundation) की स्टडी में साल 1920 से 2013 के बीच अफ्रीकी हिस्से में बारिश का पैटर्न देखा जा रहा था। इस दौरान पता लगा कि सहारा रेगिस्तान हर साल फैल रहा है।

फैल रहे हैं दुनिया के सभी बड़े रेगिस्तान

वैज्ञानिकों के मुताबिक यह एक सदी के भीतर लगभग 10 प्रतिशत तक बड़ा हो गया है। अब ये हर साल साढ़े 7 वर्ग किलोमीटर से ज्यादा तेजी से फैलने लगा है। हैरना करने वाली बात यह है कि यह फैलाव सिर्फ सहारा में ही देखने को नहीं मिल रहा है, बल्कि दुनिया के सारे बड़े रेगिस्तानों इसे देखा जा रहा है। इसमें चीन और मंगोलिया में फैला हुआ Gobi Desert हर साल करीब 6 हजार वर्ग किमी बढ़ रहा है।

पानी की कमी से जूझ रहा होगा बड़ा हिस्सा

रेगिस्तानों के बढ़ने के कारण एक्सपर्ट डरे हुए हैं।वे लगातार कह रहे हैं कि यही हाल रहा तो अगले कुछ ही समय में धरती का बड़ा हिस्सा रेत और पानी की कमी से जूझ रहा होगा। वैज्ञानिक जर्नल नेचर क्लाइमेट चेंज (Nature climate change) की स्टडी में कहा गया है कि साल 2050 तक दुनिया का बड़ा हिस्सा पानी की कमी और रेगिस्तानी सूखे की गिरफ्त में आ चुका होगा। इस समय तक धरती का तापमान लगभग 2 डिग्री सेल्सियस बढ़ जाएगा। इससे एरिडिफिकेशन यानी नम से सूखे इलाके बढ़ते ही जाएंगे।

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