अमेरिका के आर्थिक और व्यापार प्रतिबंधों के कारण होने वाले दुष्प्रभावों की तुलना में सैन्य ताकत कुछ भी नहीं है। आर्थिक प्रतिबंध बड़ी सरकारों के लिए एक-दूसरे पर अपनी असहमति जताने का एक तरीका है, जबकि युद्ध आर्थिक और राजनीतिक रूप से महंगे हैं।
अमेरिका ने लगाया बैन। अमेरिका के साथ किसी भी तरह की दुश्मनी लेना कोई भी देश के लिए सही बात नहीं होती है। दुनिया के सबसे अमीर, शक्तिशाली और बड़ी सेना होने के नाते बहुत सारी ताकते हैं। हालांकि, इसके बावजूद अमेरिका के आर्थिक और व्यापार प्रतिबंधों के कारण होने वाले दुष्प्रभावों की तुलना में सैन्य ताकत कुछ भी नहीं है। आर्थिक प्रतिबंध बड़ी सरकारों के लिए एक-दूसरे पर अपनी असहमति जताने का एक तरीका है, जबकि युद्ध आर्थिक और राजनीतिक रूप से महंगे हैं। इसी का नतीजा है कि अमेरिका अपने विरोधियों पर किसी खास मौके पर बैन लगा देता है।
हाल ही में अमेरिका ने ईरान पर बैन लगाने की घोषणा की है। वो इस तरह से साफ संदेश देना चाहता है कि वो इस्लामिक देश के रवैये से बिलकुल खुश नहीं है, क्योंकि उसने हाल में इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन से हमला किया था। इसके बाद अमेरिकी सरकार ने बैन की घोषणा कर दी। इसके परिणाम बहुत बड़े और लंबे समय तक चल सकते हैं। इसकी वजह से दूसरे देशों को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है। उसे अमेरिका को पेनाल्टी देनी पड़ती है और इंटरनेशनल मार्केट में व्यापार करने में परेशानी होती है।
अमेरिका ने किन देशों पर लगा चुका है बैन?
जून 2023 तक अमेरिका ने सक्रिय रूप से निम्नलिखित देशों को बैन किया है।
क्या है अमेरिका का बैन ?
ये एक तरह का जुर्माना है, जो अमेरिकी सरकार द्वारा किसी देश, समूह या व्यक्ति के व्यवहार को बदलने की कोशिश करने के लिए लगाया जाता है। अमेरिका इस तरह से मानवाधिकारों का समर्थन करने और आतंकवाद को रोकने की प्रतिबद्धता दिखाने की कोशिश करता है।
क्या प्रतिबंध रोके जा सकते हैं?
अमेरिका के द्वारा लगाए गए बैन को हटाया जा सकता है। ऐसा US ने 18 नवंबर, 2021 को किया था, जब राष्ट्रपति बाइडेन ने बुरुंडी सरकार के सदस्यों पर सकारात्मक व्यवहार के कारण बुरुंडी व्यक्तियों पर लगाए गए प्रतिबंधों को समाप्त कर दिया।
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