इमरान को लोकतांत्रिक व्यवस्था पर भरोसा नहीं, अपने ही इस बयान पर घिरे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री

पाकिस्तान की संसद में  प्रधानमंत्री इमरान खान सरकार के खिलाफ आज अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी है। इससे पहले उनके उस बयान की चर्चा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें अविश्वास प्रस्ताव के नतीजे स्वीकार नहीं हैं। कहा जा रहा है कि इमरान को लोकतांत्रिक व्यवस्था पर भरोसा नहीं है। वे सेना के जरिये संसद भंग कराने की कोशिश कर रहे हैं। 

Vikash Shukla | Published : Apr 3, 2022 3:09 AM IST / Updated: Apr 03 2022, 08:40 AM IST

इस्लामाबाद। पिछले कई हफ्तों से सियासी संकट में फंसी पाकिस्तानी की इमरान खान (Imran Khan pakistan) सरकार के खिलाफ आज पाकिस्तानी नेशनल असेंबली (Pakistan NA) में अविश्वास प्रस्ताव (Voting on No confidence motion) पर वोटिंग होगी। राजनीतिक उठापटक, आरोप प्रत्यारोपों के बीच इमरान ने कहा कि वह आखिरी बॉल तक बैटिंग करने के लिए तैयार हैं। हालांकि, बदले हालातों से साफ हो चुका है कि इमरान सरकार के पास संसद में बहुमत नहीं है। 

विपक्ष ने लोकतांत्रिक तरीके से सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है, लेकिन इमरान का कहना है कि उन्हें फर्क नहीं पड़ता कि विश्वास मत में उनके खिलाफ कितने वोट पड़ रहे हैं। वे इसे नहीं स्वीकार करेंगे। इमरान के इस बयान पर वह खुद घिरे हुए हैं। पाकिस्तानी मामलों के जानकार और भारतीय लेखक तिलक देवाशेर ने एक ट्वीट में कहा कि इमरान चाह रहे हैं कि देश में संघर्ष और हिंसा हो ताकि सेना कदम उठाए और संसद भंग हो जाए।

 

इमरान को अभी ये भी नहीं पता है कि उनके पक्ष में कितने वोट पड़ने वाले हैं। देवाशर ने कहा कि इमरान ने अवश्वास प्रस्ताव (No Confidence motion) के रिजल्ट को स्वीकार नहीं करने की बात कहकर इसकी पुष्टि कर दी है कि वह लोकतंत्र या संवैधानिक प्रक्रिया पर भरोसा नहीं रखते हैं। उन्होंने कहा कि किसी को यह बताने की जरूरत है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह परिणाम स्वीकार करते हैं या नहीं। अगर वे हारे तो पूर्व हो जाएंगे। 

युवाओं से विरोध की अपील के पीछे साजिश तो नहीं 
जुलाई 2018 में अर्थव्यवस्था ठीक करने और भ्रष्टाचार से लड़ने की कसम खाने वाले इमरान चुनकर सत्ता में आए थे। लेकिन, अविश्वास प्रस्ताव के बीच उन्होंने जनता से जुड़ने की पूरी कोशिश की। उन्होंने पिछले हफ्ते इस्लामाबाद में एक बड़ी रैली की थी, जिसमें करीब एक लाख लोग जुटे थे। यहां प्रधानमंत्री इमरान खान ने विपक्ष पर बड़े आरोप लगाए थे। विश्वास मत से एक दिन पहले देश के युवाओं से उनकी सरकार के खिलाफ रची गई विदेशी साजिश के खिलाफ विरोध करने का आग्रह किया था। पाक पीएम ने यहां तक ​​​​कहा कि उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर कई योजनाएं हैं। इमरान खान ने दावा किया कि विपक्षी नेता उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को निपटाने के लिए सत्ता मांग रहे हैं। माना जा रहा है कि इमरान युवाओं से प्रदर्शन और हिंसा करवाना चाहते हैं, ताकि सेना एक्शन में आए और वोटिंग के बिना ही संसद भंग हो जाए।

बैठक में पहुंचे 140 सांसद 
शनिवार रात इमरान ने अपने घर अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (PTI) के सांसदों को बुलाया। लेकिन बैठक में महज 140 सांसद ही उपस्थित रहे। यानी उनके पास बहुमत के आंकड़े से 32 सदस्य कम हैं। वहीं विपक्षी गठबंधन (पाकिस्तान डेमोक्रेटिक फ्रंट या PDM) के पास अब सदस्यों की संख्या 200 तक पहुंच गई है।  

 

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