खूबसूरत बच्चे की ख्वाहिश में लिया था 6 फीट के आदमी का स्पर्म, गर्भ में नवजात को देख कर दिया केस

महिला को डॉक्टर्स ने बताया कि, बच्चा पैदा होने के बाद 4 फीट से ज्यादा बड़ा नहीं होगा, साथ ही उसके शरीर के अंग पूरी तरह विकसित नहीं होंगे, सिर बड़ा होगा और हाथ-पैर छोटे।

Asianet News Hindi | Published : Nov 6, 2019 9:50 AM IST / Updated: Nov 06 2019, 03:27 PM IST

नई दिल्ली. रूस में 40 साल की एक महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया है लेकिन यह कोई मामूली केस नहीं है। दरअसल महिला कई सालों से गर्भवती नहीं हो पा रही थी। इसलिए उसने आईवीएफ के जरिए आखिरी बार प्रेग्नेंट होने की कोशिश की। इसके लिए महिला ने 7 फीट हाइट वाले एक गबरू जवान का स्पर्म कंसीव किया लेकिन दो महीने बाद ही जांच के टाइम बच्चा देख महिला भड़क गई।

महिला ने सोचा 40 साल की उम्र हो जाने के बाद ये उसके पास आखिरी मौका है कि वह प्रेग्नेंट हो जाए। अभी उसका शरीर प्रेग्नेंसी झेल सकता है। तो उसने आईवीएफ तकनीक (IVF) से बच्चा करवाने की कोशिश की। उसने 6 फीट लंबे हैंडसम और अच्छे पढ़े-लिखे स्पर्म डोनर को चुना। महिला को लंबे-चौड़े हैंडसम बच्चे की ख्वाहिश थी। इसलिए उसने सब जतन किए। उसने एक सफल आईवीएफ उपचार कराया लेकिन डिलिवरी से पहले ही जांच के समय सब गुड़-गोबर हो गया।

बौनेपन के साथ पैदा हुआ बच्चा

गर्भावस्था के दौरान दो महीने बाद जांच में महिला को पता चला कि उसका बच्चा बौनेपन के साथ पैदा होगा। बच्चा किसी अचन्ड्रोप्लासिया सिड्रोंम नामक बीमारी भी हो सकती है जो हड्डी के विकास और हड्डी में उपास्थि के परिवर्तन को रोकता है। साथ ही जांच में पाया गया कि बच्चे का मस्तिष्क शरीर से काफी बड़ा भी है और उंगलियां छोटी-छोटी हैं।

स्पर्म बैंक के खिलाफ ठोंका केस

जैसे ही महिला को डॉक्टर्स ने बताया कि, बच्चा पैदा होने के बाद 4 फीट से ज्यादा बड़ा नहीं होगा, साथ ही उसके शरीर के अंग पूरी तरह विकसित नहीं होंगे, सिर बड़ा होगा और हाथ-पैर छोटे तो महिला यह सुब सुनकर भड़क गई और स्पर्म बैंक के खिलाफ केस कर दिया। महिला ने ऐसा दूसरों को आगाह करने के लिए किया। 

डॉक्टरों ने कहा स्पर्म की वजह से नहीं होता बौनापन

डेलीमेल यूके के अनुसार, एक जिला अदालत में रूसी महिला ने डेनिश स्पर्म बैंक के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। महिला ने धोखाधड़ी के आरोप में उसे बंद करने की मांग की। वहीं स्पर्म बैंक ने मामले में सफाई पेश करते हुए कहा कि वह डोनर्स के लिए 46 आनुवंशिक रोगों की जांच करते हैं, उन्होंने मीडिया को बताया कि उनके बैंक से हमेशा बेहतर क्वालिटी के ही स्पर्म डोनेट किए जाते हैं और उनकी बायोमेट्रिक भी हाईक्वालिटी की है। वहीं डॉक्टरों का कहना है कि यह जरूरी नहीं कि स्पर्म की वजह से बच्चे में बौनापन हुआ हो।

(क्रिकेट, राजनीति, बॉलीवुड, सोशल मीडिया में किस बात पर सबसे ज्यादा चर्चा, कौन सी खबर है वायरल? यहां एशियानेट न्यूज हिंदी पर एक क्लिक में जाने देश दुनिया की हर बड़ी अपडेट।)

Share this article
click me!