सिर के बाल काट हिजाब को आग लगा रहीं ईरान की महिलाएं, इस वजह से देशभर में चल रहा विरोध प्रदर्शन

ईरान की महिलाएं इन दिनों हिजाब के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहीं हैं। वे अपने बालों को काटने और हिजाब को आग लगाने का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहीं हैं। 22 साल की महसा अमिनी की पुलिस हिरासत में मौत के बाद महिलाएं उग्र विरोध प्रदर्शन कर रहीं हैं।
 

तेहरान। 16 सितंबर को पुलिस हिरासत में 22 साल की महसा अमिनी की मौत के बाद से ईरान की महिलाएं आक्रोशित हैं। महिलाएं कट्टरपंथी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहीं हैं। इसी क्रम में महिलाएं अपने बालों को काटने और हिजाब को आग लगाने का अभियान चला रहीं हैं। वे बाल काटने और हिजाब जलाने का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहीं हैं। 

महसा अमिनी की मौत नैतिकता पुलिस की हिरासत में हुई थी। हिजाब नहीं पहनने के चलते पुलिस ने महसा अमिनी को हिरासत में लिया था। आरोप है कि पुलिस की पिटाई से उसकी मौत हुई। महसा अमिनी के अंतिम संस्कार में हजारों महिलाएं शामिल हुईं और हिजाब उतारकर विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद से महिलाएं तरह-तरह से कट्टरपंथी शासन का विरोध कर रहीं हैं। महसा अमिनी की शुक्रवार को मौत हो गई थी। उसे तेहरान में नैतिकता पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया था। पुलिस अधिकारियों के अनुसार उसे दिल का दौरा पड़ा था, जिसके चलते वह कोमा में चली गई थी। उसे हिजाब नहीं पहनने के चलते पुलिस ने पकड़ा था।

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विरोध प्रदर्शन कर रहीं महिलाएं
इस घटना से भारी आक्रोश फैल गया। हजारों ईरानी महिलाओं ने रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने क्रूर कार्रवाई की और आंसू गैस के गोले दागे। सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वीडियो में प्रदर्शनकारियों को तेहरान विश्वविद्यालय के पास इकट्ठा होते हुए दिखाया गया है। प्रदर्शनकारी "महिला, जीवन, स्वतंत्रता" जैसे नारे लगा रहे थे। कई महिलाओं को प्रतीकात्मक विरोध में अपने हिजाब को उतारते हुए देखा गया। वे "अत्याचारी को मौत" के नारे भी लगा रहीं थी। कई महिलाओं ने सोशल मीडिया पर अपने बाल काटते और हिजाब को आग लगाते हुए वीडियो पोस्ट किया है।

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ईरान में महिलाओं पर लागू है ड्रेस कोड 
ईरान की महिलाओं के लिए ड्रेस कोड का पालन करना अनिवार्य है। शरीयत कानून के तहत सात साल से अधिक उम्र की महिलाओं को अपने बालों को ढंकने और हिजाब तथा बुर्का पहनने के लिए बाध्य किया जाता है। हिजाब कानून को लागू करने के लिए राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी के 5 जुलाई को आदेश जारी किया था। इसके साथ ही महिलाओं के कपड़े पहनने पर प्रतिबंधों की एक नई लिस्ट जारी की गई थी। अगर कोई महिला इसका पालन नहीं करती है तो उसे सार्वजनिक फटकार, जुर्माना या गिरफ्तारी का सामना करना पड़ता है। हिजाब कानून का पालन नहीं करने पर महिलाओं को कोड़े मारने की सजा तक मिल सकती है।

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