अफगानी लड़कियों को तालिबान ने पढ़ने से रोका, विश्व बैंक ने 60 करोड़ डॉलर का 4 प्रोजेक्ट किया होल्ड

तालिबानी शासन की वजह से आर्थिक रूप से भी बदहाल हो चुके अफगानिस्तान में विश्व बैंक का कई सौ करोड़ का प्रोजेक्ट चल रहा है। लेकिन तालिबानियों द्वारा लड़कियों को स्कूल जाने से पाबंदी लगा दिए जाने पर वर्ल्ड बैंक ने भी जवाबी कार्रवाई की है।
 

Dheerendra Gopal | Published : Mar 30, 2022 1:05 AM IST

वाशिंगटन। विश्व बैंक ने अफगानिस्तान में 60 करोड़ डॉलर की चार परियोजनाओं को रोक दिया है। तालिबान सरकार द्वारा पब्लिक हाई स्कूलों में लड़कियों को जाने पर पाबंदी लगाए जाने के बाद विश्व बैंक ने चिंता जताते हुए यह कठोर निर्णय लिया है। दरअसल, अफगानिस्तान में तालिबान सरकार आने के बाद वहां के लोगों की बदहाली को देखते हुए पुनर्निर्माण के लिए कई परियोजनाओं को धरातल पर उतारने में जुटा हुआ था।

अफगानिस्तान पुनर्निर्माण ट्रस्ट फंड के तहत वित्त पोषित होने वाली परियोजनाओं को कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों द्वारा कार्यान्वयन के लिए तैयार किया जा रहा था। लेकिन अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों के स्कूलों और अन्य जगहों पर प्रतिबंध से नाराज विश्व बैंक ने सारे प्रोजेक्ट रोक दिए हैं।

अमेरिका ने तालिबान के साथ मीटिंग रद्द किया

अमेरिकी अधिकारियों ने पिछले हफ्ते लड़कियों को माध्यमिक विद्यालय से बाहर रखने के फैसले पर तालिबान के साथ दोहा में नियोजित बैठकों को रद्द कर दिया था। विश्व बैंक के कार्यकारी बोर्ड ने 1 मार्च को एआरटीएफ फंड से $ 1 बिलियन से अधिक का उपयोग करने के लिए तत्काल आवश्यक शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य और पारिवारिक कार्यक्रमों को वित्तपोषित करने की योजना को मंजूरी दी थी।

तालिबान के सत्ता संभालते ही विदेशी परियोजनाएं हुई थी बंद

बता दें कि एआरटीएफ को अगस्त में बंद कर दिया गया था जब तालिबान ने सत्ता संभाली थी क्योंकि 20 साल के युद्ध के बाद अमेरिकी नेतृत्व वाले अंतरराष्ट्रीय सैनिक चले गए थे। विदेशी सरकारों ने भी वित्तीय सहायता को समाप्त कर दिया, जिसमें सरकारी व्यय का 70 प्रतिशत से अधिक शामिल था, जिससे देश के आर्थिक पतन में तेजी आई।

लड़कियों और महिलाओं की भागीदारी पर फंड देने पर राजी

तालिबानी सरकार में एआरटीएफ फंड को नई परियोजनाओं के लिए मुक्त करने पर संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने जब दबाव बनाया तो यह शर्त रखी गई कि इन परियोजनाओं में महिलाओं और लड़कियों की भी भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। लेकिन अफगानिस्तान ने लड़कियों को स्कूल जाने से रोकने के बाद फिर प्रोजक्ट्स को रद्द कर दिया गया है।

तालिबान ने महिलाओं को सबसे अधिक किया प्रताड़ित

तालिबान ने पिछले दो दशकों के दौरान महिलाओं के अधिकारों को छीनने का काम किया है। शासन में आते ही तालिबान ने उन्हें काम करने से प्रतिबंधित कर दिया। महिलाओं की यात्रा को सीमित कर दिया। लंबी दूरी की यात्रा के लिए पुरुष रिश्तेदार का होना आवश्यक है। अधिकांश लड़कियों को सातवीं कक्षा के बाद स्कूल जाने से भी रोक दिया गया था। नौकरियां महिलाओं की छीन ली गईं। लेकिन तालिबान नेताओं ने कहा था कि सभी लड़कियों को इस महीने के अंत में कक्षाओं में लौटने की अनुमति दी जाएगी।

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