दुनिया की पहली ग्रीन ट्रेन का आगाज: जर्मनी में दौड़ने लगी हाइड्रोजन वाली ट्रेनें, पर्यावरण प्रेमी हुए खुश

एल्स्टॉम के सीईओ हेनरी पॉपार्ट-लाफार्ज ने कहा कि एमिसन फ्री ट्रांसपोर्ट का भविष्य सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है। हाइड्रोजन ट्रेन्स का संचालन हमारे सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्यों में से एक है। ग्रीन ट्रेन की ओर स्वीच करने से पृथ्वी बचाने की मुहीम को बड़ा सपोर्ट मिलेगा।

वर्ल्ड डेस्क: दुनिया में पहली हाइड्रोजन ट्रेन (World's First Hydrogen Train) का शुभारंभ हो चुका है। जर्मनी (Germany) ने बुधवार को पहली हाइड्रोजन ट्रेन का उद्घाटन किया। इस ट्रेन के संचालन के बाद दुनिया में ग्रीन ट्रेन रेवोलुशन का भी आगाज हो चुका है। एक रिपोर्ट के अनुसार ट्रेन पर्यावरण फ्रेंडली है और सरकार पर्यावरण के अनुकूल यात्रा के लिए दरवाजे खोल रही है। सीएनएन के अनुसार, रेलवे के ऑनर, Landesnahverkehrsgesellschaft Niedersachsen (LVNG) और हाइड्रोजन ट्रेनों के निर्माता एल्स्टॉम के बीच 93 मिलियन यूरो के समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

एल्स्टॉम के सीईओ हेनरी पॉपार्ट-लाफार्ज ने कहा कि एमिसन फ्री ट्रांसपोर्ट का भविष्य सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है। हाइड्रोजन ट्रेन्स का संचालन हमारे सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्यों में से एक है। ग्रीन ट्रेन की ओर स्वीच करने से पृथ्वी बचाने की मुहीम को बड़ा सपोर्ट मिलेगा।

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बुधवार को 14 में से पांच ट्रेनों का डेब्यू

जर्मनी में 14 प्रस्तावित हाइड्रोजन ट्रेन्स में से 5 ट्रेनों का बुधवार को डेब्यू किया गया। हालांकि, इस साल के अंत तक 15 और डीजल ट्रेनों को भी हाइड्रोजन ट्रेन में चेंज कर दिया जाएगा। विशेषज्ञों के अनुसार एक किलो हाइड्रोजन ईंधन लगभग 4.5 किलोग्राम डीजल ईंधन के बराबर होता है।

इस रूट पर चल रही ट्रेन

हाइड्रोजन से चलने वाली यह ट्रेन्स करीब 100 किलोमीटर यानी 60 मील रूट तय कर रही है। यह ट्रेनें हैम्बर्ग के पास कुक्सहेवन, ब्रेमरहेवन, ब्रेमेरवोर्डे और बक्सटेहुड शहरों को जोड़ती है। 

प्रदूषण फ्री होगी ट्रेन

हाइड्रोजन ट्रेनों से कोई प्रदूषण नहीं होता है। न ही यह ट्रेन कोई शोर पैदा करती है। इस ट्रेन के संचालन पर केवल भाप व वेपोराइज्ड वाटर का उत्सर्जन होता है। इस ट्रेन में एक बार ईधन भरने के बाद यह करीब एक हजार किलोमीटरर की यात्रा कर सकती है। यानी पूरे दिन दौड़ सकने में सक्षम है। ट्रेन रुट्स के किनारे एक हाइड्रोजन फिलिंग स्टेशन पहले ही स्थापित किया जा चुका है। ट्रेनें 140 किमी प्रति घंटे (87mph) तक की गति तक पहुंच सकती हैं।
 

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